Bitcoin का प्राइस 48,000 डॉलर से ज्यादा, कई क्रिप्टोकरेंसीज में गिरावट

कुछ देशों में रेगुलेटर्स ने इस सेगमेंट को लेकर चेतावनी दी है। हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर इमर्जिंग मार्केट्स को खतरे की चेतावनी को दोहराया था

Bitcoin का प्राइस 48,000 डॉलर से ज्यादा, कई क्रिप्टोकरेंसीज में गिरावट

इस सेगमेंट पर टैक्स अधिक होने से ट्रेडिंग पर असर पड़ा है

ख़ास बातें
  • बिटकॉइन के प्राइस में वीकेंड पर 1,826 डॉलर की बढ़ोतरी हुई है
  • इसके लिए अगला टारगेट 50,000 डॉलर का होगा
  • Ether में 0.54 प्रतिशत की गिरावट थी। इसका प्राइस 2,498 डॉलर पर था
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मार्केट वैल्यू में सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में सोमवार को 0.74 प्रतिशत की तेजी थी। इसका प्राइस 48,101 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। इसके प्राइस में वीकेंड पर 1,826 डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर बिटकॉइन 48,970 डॉलर तक बढ़ता है तो इसके लिए अगला टारगेट 50,000 डॉलर का होगा। 

दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में 0.54 प्रतिशत की गिरावट थी। इसका प्राइस 2,498 डॉलर पर था। इसके अलावा Binance Coin, Ripple, Cardano Solana, Binance Coin और Litecoin के प्राइस घटे हैं। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 0.77 प्रतिशत घटकर लगभग 1.8 लाख करोड़ डॉलर पर था। क्रिप्टो मार्केट में बिटकॉइन की हिस्सेदारी 52.5 प्रतिशत पर है। 

क्रिप्टो एक्सचेंज Mudrex के CEO, Edul Patel ने Gadgets360 को बताया, "वीकेंड पर बिटकॉइन का प्राइस 48,000 डॉलर से अधिक रहा है। यह अपने 26 महीने के उच्च स्तर पर पहुंचा है। इसका बड़ा कारण पिछले सप्ताह बिटकॉइन ETFs में काफी इनवेस्टमेंट होना है। Ether भी 2,540 डॉलर तक पहुंचा था और इसके बाद लगभग 2,500 डॉलर के निकट है। इसके लिए रेजिस्टेंस 2,620 डॉलर और सपोर्ट 2,440 डॉलर पर है।" पिछले महीने अमेरिका में सिक्योरिटीज रेगुलेटर SEC ने बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) को स्वीकृति दी थी। 

 देश में क्रिप्टो सेगमेंट पर टैक्स अधिक होने से ग्रोथ पर असर पड़ रहा है। इस महीने की शुरुआत में पेश हुए बजट से पहले क्रिप्टो इंडस्ट्री ने केंद्र सरकार से इस सेगमेंट पर टैक्स घटाने के निवेदन किए थे। हालांकि, इंटरिम बजट में फाइनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitharaman ने क्रिप्टो सेगमेंट का कोई जिक्र नहीं किया था। इससे इस इंडस्ट्री से जुड़े स्टेकहोल्डर्स निराश हैं। केंद्र सरकार ने लगभग डेढ़ वर्ष पहले प्रत्येक क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत का TDS लगाया था। इसके साथ ही क्रिप्टो से मिलने वाले प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत टैक्स लागू किया गया था। इससे क्रिप्टो की ट्रेडिंग एक्टिविटीज में कमी हुई है। कुछ देशों में रेगुलेटर्स ने इस सेगमेंट को लेकर चेतावनी दी है। हाल ही में  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर इमर्जिंग मार्केट्स को खतरे की चेतावनी को दोहराया था। RBI का कहना था कि कुछ देशों में इस सेगमेंट को स्वीकृति मिलने के बावजूद उसकी पोजिशन में इसे लेकर बदलाव नहीं हुआ है। 

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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राधिका पाराशर

राधिका पाराशर के पास Gadgets 360 में वरिष्ठ संवाददाता की पोस्ट है। ये ...और भी

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