क्रिप्टो मार्केट का कैपिटलाइजेशन लगभग 4.3 लाख करोड़ डॉलर के पीक लेवल पर जाने के बाद घटकर लगभग 3.3 लाख करोड़ डॉलर रह गया है
बहुत सी अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइसेज में भी काफी गिरावट हुई है
क्रिप्टो मार्केट में शुक्रवार को बड़ी गिरावट थी। मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस एक लाख डॉलर से नीचे चला गया है। बिटकॉइन ने लगभग 96,000 डॉलर पर छह महीने का निचला लेवल छुआ है। इस वर्ष की पहली छमाही में क्रिप्टो मार्केट में काफी तेजी आई थी। इसके पीछे अमेरिका जैसे देशों में इस सेगमेंट के लिए रेगुलेशंस बनना और इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की ओर से खरीदारी प्रमुख कारण थे।
पिछले महीने बिटकॉइन लगभग 1,26,000 डॉलर के हाई लेवल पर पहुंचा था। इसके बाद से बिटकॉइन का प्राइस लगभग 22 प्रतिशत घटा है। इस रिपोर्ट को प्रकाशित करने पर इंटरनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज CoinmarketCap पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 96,020 डॉलर पर था। एक मीडिया रिपोर्ट में क्रिप्टो मार्केट से जुड़े लोगों के हवाले से बताया गया है कि इस सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी के लिए लगभग 90,000 डॉलर से 95,000 डॉलर से बीच पुट ऑप्शंस में सबसे अधिक एक्टिविटी है। इससे यह संकेत मिल रहा है कि ट्रेडर्स को बिटकॉइन में गिरावट बढ़ने की आशंका है। पिछले एक महीने में इनवेस्टर्स ने लगभग 8,15,000 बिटकॉइन बेचे हैं। इसका बड़ा असर क्रिप्टो मार्केट पर पड़ा है।
इस मार्केट का कैपिटलाइजेशन लगभग 4.3 लाख करोड़ डॉलर पर जाने के बाद घटकर लगभग 3.3 लाख करोड़ डॉलर रह गया है। बहुत सी अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइसेज में भी काफी गिरावट हुई है। पिछले महीने की शुरुआत से इस मार्केट में लगभग 450 डॉलर की बिकवाली की गई है। इस बिकवाली में इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की बड़ी हिस्सेदारी है।
अमेरिकी प्रेसिडेंट Donald Trump के Trump Media and Technology Group ने कुछ महीने पहले बिटकॉइन में लगभग 2.5 अरब डॉलर (लगभग 21,416 करोड़ रुपये) का इनवेस्टमेंट करने का फैसला किया था। इससे पहले ट्रंप ने अमेरिका में बिटकॉइन का स्ट्रैटेजिक रिजर्व बनाने के ऑर्डर पर भी साइन किए थे। ट्रंप ने जिस एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए हैं उसमें यह स्पष्ट है कि इस सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने के लिए टैक्सपेयर्स की रकम का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। भारत में केंद्र सरकार ने सभी क्रिप्टो एक्सचेंजों, कस्टोडियंस और इंटरमीडियरीज को सायबर सिक्योरिटी ऑडिट कराने का निर्देश दिया है। इसके लिए वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) सर्विस प्रोवाइडर्स को इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) के साथ सम्बद्ध ऑडिटर्स को नियुक्त करना होगा।
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