पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो का सेगमेंट तेजी से बढ़ा है। इस मार्केट की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टकरेंसी Bitcoin के प्राइस में इस वर्ष काफी वोलैटिलिटी रही है। इसके पीछे अमेरिकी प्रेसिडेंट Donald Trump का चीन सहित कई देशों से इम्पोर्ट पर भारी टैरिफ लगाना बड़ा कारण है। हालांकि, ट्रंप के चीन के साथ ट्रेड को लेकर समझौता करने के संकेत देने से बिटकॉइन में रिकवरी हुई है और इसने दोबारा एक लाख डॉलर का लेवल पार किया है।
अमेरिकी बैंक JP Morgan का पूर्वानुमान है कि इस वर्ष गोल्ड की तुलना में
बिटकॉइन अधिक रिटर्न दे सकता है। JP Morgan के एनालिस्ट्स ने कहा है, "इस वर्ष फरवरी के मध्य से अप्रैल के मध्य तक गोल्ड में बिटकॉइन की वजह से तेजी आई थी। हालांकि, पिछले कुछ सप्ताह से इसके विपरीत हो रहा है। बिटकॉइन का प्राइस गोल्ड की वजह से बढ़ रहा है।" JP Morgan के मैनेजिंग डायरेक्टर, Nikolaos Panigirtzoglou का कहना है, "इस वर्ष गोल्ड और बिटकॉइन के बीच बराबर का मुकाबला रहा है और बाकी वर्ष में भी यह ऐसा ही रह सकता है। हालांकि, इस वर्ष की दूसरी छमाही के लिए हमारा अनुमान गोल्ड का रिटर्न इससे कम रहने का है।"
कुछ महीने पहले बिटकॉइन का प्राइस लगभग 1,10,000 के हाई लेवल से घटकर लगभग 75,000 डॉलर से नीचे गिर गया था। इसके पीछे ट्रंप का टैरिफ से जुड़ा फैसला प्रमुख कारण था। हालांकि, पिछले पिछले सप्ताह से इसमें रिकवरी हुई है और यह 1,03,000 डॉलर से अधिक पर है। हाल ही में ट्रंप ने इस सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी का स्ट्रैटेजिक रिजर्व बनाने के ऑर्डर पर साइन किए थे। अमेरिका के स्ट्रैटेजिक बिटकॉइन रिजर्व में सरकार की ओर से जब्त किए गए बिटकॉइन को शामिल किया जाएगा। ट्रंप ने जिस एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए हैं उसमें यह स्पष्ट है कि इस सबसे अधिक मार्केट वैल्यू वाली क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने के लिए टैक्सपेयर्स की रकम का इस्तेमाल नहीं होगा।
क्रिप्टोकरेंसीज में पेमेंट्स को भी कुछ देशों में स्वीकार किया जा रहा है। इन देशों की सूची में
भूटान भी शामिल हो गया है। हाल ही में भूटान ने क्रिप्टो पेमेंट सिस्टम को लॉन्च करने की घोषणा की थी। इसके लिए बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक Binance के साथ टाई-अप किया गया है। भूटान के इस फैसले का उद्देश्य पर्यटकों को करेंसी एक्सचेंज रेट्स और इंटरनेशनल कार्ड्स की कम उपलब्धता जैसी उलझनों से बचाना और पेमेंट्स का आसान तरीका उपलब्ध कराना है।