खोसला "Uncapped with Jack Altman" नाम के पॉडकास्ट में यह कह चुके हैं कि AI का असर 80% जॉब्स पर पड़ेगा।
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Vinod Khosla का मानना है कि 2030 के दशक में Fortune 500 कंपनियों का पतन पहले से कहीं ज्यादा तेजी से होगा
Vinod Khosla, जो Sun Microsystems के को‑फाउंडर और Khosla Ventures के चियरमैन हैं, ने हाल ही में कहा था कि Artificial Intelligence (AI) अगले 3‑5 वर्षों में लगभग 80% तक सभी आर्थिक रूप से अहम जॉब्स की फंक्शनैलिटी संभाल सकता है। खोसला के मुताबिक, "कटिंग‑एज AI सिस्टम्स का सीजन आने वाला है और लगभग हर काम को AI की अगली जेनेरेशन को सौंपा जा सकेगा।" अब उन्होंने कहा है कि AI में आया हालिया उछाल BPO और IT सेक्टर के लिए खतरा है।
Zerodha के को-फाउंडर निखिल कामथ (Nikhil Kamath) के पॉडकास्ट People by WTF पर बोलते हुए, भारतीय मूल के अरबपति विनोद खोसला ने चेतावनी दी कि AI में हालिया उछाल भारत में BPO और IT इंडस्ट्री को संभावित रूप से खत्म कर सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इसके असर से बचने के लिए इस सेक्टर की कंपनियों को अनुकूलन और प्रासंगिक बने रहने के लिए बड़े बदलावों से गुजरना जरूरी है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत का IT सेक्टर AI बदलाव से बच पाएगा, तो खोसला ने कहा, "मुझे लगता है कि यह बहुत ही मुश्किल हैस आप जानते हैं, एक व्यवसाय के रूप में बीपीओ गायब हो जाएगा।" उन्होंने आगे जोड़ा, "सॉफ्टवेयर आईटी सेवाएं लगभग गायब हो जाएंगी। गायब होने का मतलब है, काफी हद तक बदलाव। इनमें से कुछ कंपनियां बदलाव ला पाती हैं या नहीं, यही तय करेगा कि वे टिकेंगी या नहीं।"
इससे पहले खोसला "Uncapped with Jack Altman" नाम के पॉडकास्ट में यह कह चुके हैं कि AI का असर 80% जॉब्स पर पड़ेगा। उन्होंने उस समय कहा था कि जो काम वर्तमान में एक ह्यूमन एक्सपर्ट कर रहा है, उन में 80 प्रतिशत को AI अगले पांच वर्षों में करने लायक बन जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा था कि निवेशक बिजनेस वर्ल्ड में, खासकर बड़ी कंपनियों के लिए, जबरदस्त उथल-पुथल की चेतावनी देते हैं। खोसला का मानना है कि 2030 के दशक में Fortune 500 कंपनियों का पतन पहले से कहीं ज्यादा तेजी से होगा।
कामथ के पॉडकास्ट में खोसला की सोच साफ इशारा देती है, "अगर भारत में हर बच्चे को एक मुफ्त AI ट्यूटर मिले, जो आज पूरी तरह संभव है, तो यह किसी अमीर व्यक्ति द्वारा खरीदी जा सकने वाली सर्वोत्तम शिक्षा से भी बेहतर होगा।"
उन्होंने इस दौरान डिग्री-बेस्ड एक्सपर्टीज की कठोरता पर सवाल उठाते हुए कहा, "इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग या मेडिसिन से किसी और चीज में जाने के लिए आपको तीन या पांच साल के लिए कॉलेज वापस जाने की जरूरत नहीं है।" उनके नजरिए में, AI निरंतर और लिमिटलेस तरीके से लर्निंग को सक्षम बनाता है।
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