गूगल ने अपने आई/ओ डेवलपर कॉन्फ्रेंस 2016 में दो नए ऐप अलो और डुओ पेश किए। ये ऐप एंड्रॉयड और आईओएस पर काम करेंगे। एलो गूगल का इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप है जो गूगल असिस्टेंट फ़ीचर से लैस है। वहीं, डुओ एक वीडियो कॉलिंग ऐप है जो कमज़ोर डेटा नेटवर्क में भी अच्छे से काम करेगा।
हैंगआउट्स को बेहतर बनाने के बजाए
गूगल ने मैसेजिंग की दुनिया में दो नए ऐप उतारने का फैसला किया है। एलो और डुओ ऐप की भिड़ंत फेसबुक मैसेंजर, व्हाट्सऐप, फेसबुक, स्काइप, वाइबर और आईएमओ जैसे कई ऐप से होगी। कई मैसेजिंग ऐप्स से भड़े इस मार्केट में गूगल ने अपने इन ऐप में कुछ अनोखे फ़ीचर देने का फैसला किया है।
एलो भी किसी अन्य मैसेजिंग ऐप की तरह है। हालांकि, यह स्मार्ट रिप्लाई और गूगल असिस्टेंट जैसे फ़ीचर से लैस है। ये फ़ीचर इस ऐप को अलग पहचान देने का काम करेंगे। स्मार्ट रिप्लाई यूज़र को टेक्स्ट मैसेज लिखते वक्त सुझाव देता रहेगा। यह फ़ीचर हमें सबसे पहले इनबॉक्स बाय जीमेल में देखने को मिला था। यह फ़ीचर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके यूज़र के टैक्सटिंग के तरीके को पढ़ता है और इसके बाद अपनी समझ से यूज़र को मैसेज का सुझाव देता है। यह ऐप पर भेजे गए तस्वीरों को भी पढ़ता है और उसका जवाब भी सुझाता है।
एलो मैसेजिंग ऐप में गूगल असिस्टेंट भी इंटिग्रेटेड है। इसकी मदद से आप ऐप में सर्च कर पाएंगे। यूज़र इसी ऐप में रहकर होटल, फ्लाइट, थिएटर और इवेंट के बारे में सर्च कर पाएंगे। इसमें आपको मैप्स, यूट्यूब, और ट्रांसलेट जैसे टूल भी मिलेंगे। इस चैट ऐप में कुछ अनोखे फ़ीचर हैं। यूज़र ऐप में टेक्स्ट की साइज को भी बढ़ा पाएंगे। इसके अलावा किसी भी इमेज को एलो में भेजने से पहले उस पर लिख भी पाएंगे।
अब बात डुओ वीडियो मैसेजिंग ऐप की। गूगल के इस ऐप की भिड़ंत फेसटाइम, स्काइप, वाइबर और अन्य वीडियो मैसेजिंग ऐप से होगी। यह एक बेहद ही साधारण ऐप है। इसकी मदद से आप अपने फोन से अपने कॉन्टेक्ट को वीडियो कॉल कर पाएंगे। इस ऐप की सबसे अहम खासियत इसका कमज़ोर नेटवर्क वाले इलाके में अच्छे से काम करना है। ऐसा दावा गूगल द्वारा किया गया है।
डुओ से वीडियो कॉल एचडी फॉर्मेट में होंगे। लेकिन कमज़ोर नेटवर्क वाले इलाके में ऐप वीडियो कॉल की क्वालिटी को एडजस्ट कर लेता है ताकि कॉल निरंतरता से बरकरार रहे। इस ऐप में नॉक नॉक नाम का एक फ़ीचर है जो कॉल उठाने से पहले वीडियो कॉलर का प्रिव्यू दिखाता है, यानी नाम के लिए वीडियो कॉलर का चेहरा भी बैकग्राउंड में नज़र आएगा। जैसे ही यूज़र फोन कॉल को उठाएगा, ऑडियो ऑन हो जाता है।
निजता और सिक्योरिटी को दिमाग में रखते हुए गूगल ने डुओ ऐप में इनक्रिप्शन फॉर्मेट का इस्तेमाल किया है। एलो ऐप में इस सर्च कंपनी ने इनकॉगनिटो मोड दिया है जो एंड टू एंड इनक्रिप्शन के साथ आता है। गूगल ने बताया है कि ये दोनों ही ऐप इन गर्मियों में एंड्रॉयड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराए जाएंगे।