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गूगल के चीफ Sundar Pichai जल्द बन सकते हैं बिलिनेयर, AI से ग्रोथ का असर

पहली तिमाही में कंपनी का रिजल्ट अनुमान से बेहतर रहने के कारण पिछले सप्ताह के अंत में इसके शेयर ने नया हाई बनाया था। इसकी क्लाउड कंप्यूटिंग यूनिट को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( AI) में ग्रोथ का फायदा मिला है

गूगल के चीफ Sundar Pichai जल्द बन सकते हैं बिलिनेयर, AI से ग्रोथ का असर

पिछले सप्ताह के अंत में कंपनी के शेयर ने नया हाई बनाया था

ख़ास बातें
  • गूगल की क्लाउड कंप्यूटिंग यूनिट को AI में ग्रोथ से काफी फायदा मिला है
  • कंपनी के चीफ एग्जिक्यूटिव पिचाई की नेटवर्क लगभग एक अरब डॉलर की है
  • उन्होंने 2004 में गूगल में प्रोडक्ट मैनेजर के तौर पर ज्वाइन किया था
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इंटरनेट सर्च इंजन Google को चलाने वाली अमेरिकी कंपनी Alphabet Inc. के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, Sundar Pichai जल्द बिलिनेयर बन सकते हैं। गूगल के CEO के तौर पर 2015 में पिचाई के कमान संभालने के बाद से कंपनी ने काफी ग्रोथ की है। इस अवधि में इसका शेयर 400 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। इस दौरान इस शेयर ने प्रदर्शन के लिहाज से Nasdaq को भी पीछे छोड़ा है। 

गूगल के शेयर प्राइस में तेजी के साथ ही पिचाई को मिले कंपनी के शेयर्स से वह सबसे अधिक सैलरी पाने वाले एग्जिक्यूटिव्स में शामिल हैं। Bloomberg Billionaires Index के अनुसार, पिचाई की नेटवर्क लगभग एक अरब डॉलर की है। इस बारे में गूगल ने टिप्पणी करने से मना कर दिया। पहली तिमाही में कंपनी का रिजल्ट अनुमान से बेहतर रहने के कारण पिछले सप्ताह के अंत में इसके शेयर ने नया हाई बनाया था। इसकी क्लाउड कंप्यूटिंग यूनिट को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( AI) में ग्रोथ का फायदा मिला है। 

तमिलनाडु के एक साधारण परिवार से आने वाले पिचाई के टेक इंडस्ट्री से जुड़ने का बड़ा कारण उनके पिता थे, जो ब्रिटिश कंपनी GEC में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के तौर पर नौकरी करते थे। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT), खड़गपुर से इंजीनियरिंग करने के बाद पिचाई को अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप मिली थी। अपने करियर की शुरुआत McKinsey में एक कंसल्टेंट के तौर पर करने के बाद, पिचाई ने 2004 में गूगल में प्रोडक्ट मैनेजर के तौर पर ज्वाइन किया था। उन्होंने गूगल टूलबार और क्रोम जैसे कुछ महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स के डिवेलपमेंट में अपना योगदान दिया है।   

पिछले कुछ महीनों में गूगल को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। कंपनी के खिलाफ कुछ देशों में कानूनी मामले भी चल रहे हैं। गूगल के Play Store ने पॉलिसी के उल्लंघनों के कारण पिछले वर्ष लगभग 22.8 लाख ऐप्स पर बैन लगाया है। गूगल ने बताया कि उसने मैलवेयर और पॉलिसी के लगातार उल्लंघनों के चलते लगभग 3,33,000 डिवेलपर एकाउंट्स पर भी रोक लगाई है। कंपनी ने अपने ऐप मार्केटप्लेस पर यूजर एक्सपीरिएंस में सुधार के लिए नई पॉलिसी भी लागू की है। गूगल ने अपने सिक्योरिटी पर फोकस्ड ब्लॉग में ऐसे उपायों की भी जानकारी दी है जो यूजर्स को संदिग्ध ऐप्स, मैलवेयर और ऑनलाइन स्कैम से बचाने के लिए किए गए हैं। 

 
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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