अमेरिकी डिवाइसेज मेकर Apple की स्मार्टवॉच की शिपमेंट्स लगातार दूसरे वर्ष घटी हैं। कंपनी ने नॉर्थ अमेरिका सहित अधिकतर रीजंस में Apple Watch की शिपमेंट्स में कमी दर्ज की है। इसके पीछे नए स्मार्टवॉच मॉडल्स की कमी और कंपनी की मौजूदा स्मार्टवॉचेज के कम अपग्रेड प्रमुख कारण हैं।
मार्केट रिसर्च फर्म Counterpoint के पिछले वर्ष की चौथी तिमाही के लिए इंटरनेशनल स्मार्टवॉच शिपमेंट
ट्रैकर के अनुसार, Apple Watch की शिपमेंट्स वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 19 प्रतिशत घटी हैं। यह लगातार दूसरा वर्ष है जिसमें iPhone बनाने वाली एपल को स्मार्टवॉचेज की शिपमेंट्स में कमी को दर्ज करना पड़ा है। इस मार्केट में चाइनीज कंपनियों की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है।
एपल की स्मार्टवॉचेज की शिपमेंट्स में कमी में नॉर्थ अमेरिका में कंपनी की बिक्री में कमी एक बड़ा कारण है। पिछले वर्ष एपल का मार्केट शेयर लगभग आठ प्रतिशत कम हुआ है। पिछले वर्ष लॉन्च की गई Apple Watch Series 10 के कम अपग्रेड बिक्री में कमी का एक प्रमुख कारण है। इसके अलावा कंपनी को Apple Watch SE (3rd जेनरेशन) और Apple Watch Ultra 3 मॉडल्स का लॉन्च नहीं होने से भी नुकसान हुआ है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि Apple Watch SE एक अफोर्डेबल विकल्प है और कंपनी की स्मार्टवॉचेज की बिक्री में इसकी बड़ी हिस्सेदारी रहती है। इसके अलावा Apple Watch Ultra की कंपनी की स्मार्टवॉचेज की कुल शिपमेंट्स में 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है।
पिछले कुछ वर्षों में एपल को इस सेगमेंट में कानूनी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा है।
एपल और मेडिकल टेक्नोलॉजी कंपनी Masimo के बीच पेटेंट को लेकर विवाद है। Masimo का दावा है कि Apple Watch में इस्तेमाल की जा रही ब्लड ऑक्सिजन सेंसर टेक्नोलॉजी उसके कई पेटेंट्स का उल्लंघन करती है। इस विवाद के कारण एपल को शुरुआत में अमेरिका में अपनी स्मार्टवॉच की बिक्री रोकनी पड़ी थी। इसके बाद कंपनी ने ब्लड ऑक्सिजन को मापने वाले पल्स ऑक्सिमेट्री फीचर को हटा दिया था। इन कारणों से कंपनी को पहली बार ऐसी तिमाही में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर शिपमेंट्स में कमी का सामना करना पड़ा था जिसमें इसने नई स्मार्टवॉच सीरीज को लॉन्च किया था। चीन की Xiaomi जैसी कंपनियों की इस मार्केट में हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है।