NASA के स्पेसक्राफ्ट Voyager 1 ने हाल ही में धरती से फिर से संपर्क साधकर वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया। यह स्पेसक्राफ्ट 47 साल से अंतरिक्ष की यात्रा पर निकला हुआ है। जिस रेडियो ट्रांसमीटर के माध्यम से इसने संपर्क साधा वह आखिरी बार 1981 में इस्तेमाल किया गया था। यानी 43 साल पुराने ट्रांसमीटर की मदद से इसने मैसेज भेजा।
इस नतीजे तक पहुंचने के लिए रिसर्चर्स की टीम ने वोयाजर 2 (Voyager 2) स्पेस प्रोब के डेटा का इस्तेमाल किया है। साल 1977 में लॉन्च किए गए वोयाजर 2 स्पेस प्रोब ने यूरेनस पर बर्फ से जुड़ी जानकारियां जुटाई थीं।
शार्कबॉट मैलवेयर बेहद खतरनाक ट्रोजन है, जो लोगों की बैंकिंग डिटेल्स को चुराता है। ये मैलवेयर असली दिखने वाले बैंकिंग लॉग-इन फॉर्म्स दिखाते हैं, जिन्हें यूजर्स बिना शक किए भर देते हैं और अपने अहम लॉगइन डिटेल्स खतरनाक हाथों में डाल देते हैं।
अमेरिकी रेगुलेटर्स ने ऐसी क्रिप्टो फर्मों पर शिकंजा कसा है जो इनवेस्टर्स के फंड की सरकारी गारंटी के बारे में गलत दावे कर रही हैं। FDIC ने बैंकरप्ट हो चुकी क्रिप्टो फर्म Voyager Digital को भी इसी तरह का ऑर्डर दिया है
हाल ही में Voyager Digital ने लगभग 15,250 बिटकॉइन और लगभग 35 करोड़ डॉलर के स्टेबलकॉइन USDC के लोन की पेमेंट करने में नाकाम रहने के कारण Three Arrows Capital को डिफॉल्ट नोटिस दिया था
क्रिप्टो मार्केट में मंदी के कारण इस सेगमेंट की बहुत सी फर्में कॉस्ट घटाने के लिए अपनी वर्कफोर्स में कटौती कर रही हैं। बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक Coinbase ने भी हाल ही में अपनी वर्कफोर्स को 18 प्रतिशत घटाने का फैसला किया था
NASA ने एक रिपोर्ट में बताया है कि उसने 1977 में Voyager स्पेस व्हीकल 1 और व्हीकल 2 को अंतरिक्ष में छोड़ा था। इनमें से व्हीकल 1 अपनी मियाद से बहुत ज्यादा चल चुका है।
ZTE Voyage 30 में 6.52 इंच की LCD डिस्प्ले दी गई है, जिसका रिफ्रेश रेट 90Hz और 91.3 प्रतिशत स्क्रीन टू बॉडी रेशियो है। प्रोसेसर की बात करें तो इसमें Dimensity 700 SoC प्रोसेसर दिया गया है।