• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • गजब! अंतरिक्ष में 43 साल से बंद पड़ा ‘रेडियो’ फ‍िर हुआ चालू, Nasa को मिले सिग्‍नल

गजब! अंतरिक्ष में 43 साल से बंद पड़ा ‘रेडियो’ फ‍िर हुआ चालू, Nasa को मिले सिग्‍नल

यह संपर्क, वॉयजर-1 (Voyager) स्‍पेसक्राफ्ट के साथ हुआ है, जो अमेरिका की स्‍पेस हिस्‍ट्री का सबसे लंबा मिशन है।

गजब! अंतरिक्ष में 43 साल से बंद पड़ा ‘रेडियो’ फ‍िर हुआ चालू, Nasa को मिले सिग्‍नल

Photo Credit: Nasa

हाल के कुछ वर्षों में नासा को वॉयजर स्‍पेसक्राफ्ट के साथ संपर्क करने में मुश्‍किलें आ रही थीं।

ख़ास बातें
  • Voyager 1 स्‍पेसक्राफ्ट से नासा ने किया संपर्क
  • 43 साल तक बंद पड़े एस बैंड रेडियो सिग्‍नल का इस्‍तेमाल
  • 47 साल से अंतरिक्ष में मौजूद है वॉयजर-1 स्‍पेसक्राफ्ट
विज्ञापन
NASA Voyager spacecraft : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने 47 साल पुराने सैटेलाइट के साथ अंतरिक्ष में फ‍िर से कॉन्‍टैक्‍ट किया है। यह संपर्क, वॉयजर-1 (Voyager) स्‍पेसक्राफ्ट के साथ हुआ है, जो अमेरिका की स्‍पेस हिस्‍ट्री का सबसे लंबा मिशन है। साल 1977 में नासा ने Voyager 1 और Voyager 2 स्‍पेसक्राफ्ट को कुछ हफ्तों के अंतराल में लॉन्‍च किया था। इस हिसाब से ये करीब 47 साल से वर्किंग हैं। वीओए की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के कुछ वर्षों में नासा को वॉयजर स्‍पेसक्राफ्ट के साथ संपर्क करने में मुश्‍किलें आ रही थीं। इसी साल अप्रैल में नासा ने बताया था कि वह 5 महीनों से ‘वॉयजर 1' स्‍पेसक्राफ्ट से कम्‍युनिकेट नहीं कर पा रही है।  
 

स्‍पेसक्राफ्ट की बात नहीं समझ पा रहे थे साइंटिस्‍ट  

रिपोर्ट के अनुसार, नासा के अधिकारियों का कहना था कि ‘वॉयजर 1' के ऑनबोर्ड कम्‍प्‍यूटर में एक चिप में खामी आ गई थी। इस वजह से स्‍पेसक्राफ्ट जो डेटा भेज रहा था, वो वैज्ञानिकों को समझ नहीं आ रहा था। हालांकि वैज्ञानिकों ने पढ़ने के तरीके में बदलाव किया और प्रॉब्‍लम कुछ हद तक ठीक हो गई। 

इसके बाद अक्‍टूबर में फ‍िर कम्‍युनिकेशन इशू आ गया। इसकी वजह से ‘वॉयजर 1' का डेटा देर से वैज्ञानिकों को मिल रहा था। वो प्रॉब्‍लम स्‍पेसक्राफ्ट के रेडियो ट्रांसमीटर सिस्‍टम से जुड़ी थी। 

इसके बाद जब किसी वजह से नासा ने स्‍पेसक्राफ्ट से उसके हीटरों में से एक को ऑन करने को कहा तो वॉयजर 1 की फॉल्ट प्रोटेक्शन प्रणाली एक्टिवेट हो गई। इसका मकसद बिजली बचाना था। ऐसे हालात में स्‍पेसक्राफ्ट ने आमतौर पर भेजे जाने वाले रेडियो सिग्‍नलों के बजाए दूसरे तरह से सिग्‍नल भेजने शुरू कर दिए। 

वह ऐसी स्थिति थी कि नासा को नॉर्मल एक्स-बैंड के बजाए एस-बैंड पर सिग्‍नल मिलने लगे। जब नासा ने उन्‍हें रिसीव करना शुरू किया तो स्‍पेसक्राफ्ट से फ‍िर से डेटा मिलने लगा। नासा का कहना है कि एस-बैंड एक्स-बैंड की तुलना में बहुत कमजोर है, इसलिए वह काफी टाइम से एक्स-बैंड रेडियो कम्‍युनिकेशन सिस्‍टम को शुरू करने की कोशिश कर रहे थे। दिलचस्‍प यह है कि साल 1981 के बाद से नासा ने एस-बैंड का यूज नहीं किया। इसका मतलब है कि एजेंसी को 43 साल बाद वॉयजर 1 से दूसरे तरीके से सिग्‍नल मिले हैं। 

Voyager 1 और Voyager 2 स्‍पेसक्राफ्ट को बृहस्‍पति और शनि ग्रह को टटोलने के लिए डिजाइन किया गया था। दोनों स्‍पेसक्राफ्टों ने अपना काम बखूबी पूरा किया। Voyager 2 तो साल 1989 में यूरेनस और नेप्‍च्‍युन के करीब भी पहुंचा था। 

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. ट्रंप का बड़ा एलान: अमेरिका Bitcoin के बाद इन 4 Crypto Coins का भी बनाएगा रिजर्व
  2. MWC 2025: ZTE ने Nubia Neo 3 5G, Neo 3 GT 5G किए लॉन्च, 6000mAh बैटरी के साथ दमदार फीचर्स से लैस
  3. 50MP कैमरा, 5200mAh बैटरी के साथ Infinix Note 50, Note 50 Pro लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
  4. Ind vs Aus का सेमीफाइनल मुकाबला आज, ऐसे देखें ICC Champions Trophy लाइव मैच
  5. Honor Watch 5 Ultra हुई MWC 2025 में पेश, 15 दिनों तक चलेगी बैटरी, जानें कीमत
  6. सोशल मीडिया पर कंटेंट को ब्लॉक करने के रूल्स की पड़ताल करेगा सुप्रीम कोर्ट 
  7. क्रिप्टो मार्केट में आ सकती है तेजी, ट्रंप की क्रिप्टोकरेंसी का रिजर्व बनाने की तैयारी
  8. Samsung Galaxy A36 5G, Galaxy A56 5G इस कीमत में साथ भारत में खरीदने के लिए हुए उपलब्ध, जानें लॉन्च ऑफर्स
  9. स्कूलों में स्मार्टफोन पर पूरी तरह बैन सही नहीं! कोर्ट ने जारी की गाइडलाइन्स
  10. Blinkit की 10 मिनट में एंबुलेंस की सर्विस ने बचाया मरीज का जीवन
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »