24 अरब किलोमीटर दूर पहुंच चुका NASA का Voyager 1 धरती पर भेज रहा है 'अजब' डेटा!

Voyager 1 को लेकर वैज्ञानिक चिंतित हैं क्योंकि इसने नवंबर के बाद से अब तक धरती पर कोई भी संगत डेटा नहीं भेजा है।

24 अरब किलोमीटर दूर पहुंच चुका NASA का Voyager 1 धरती पर भेज रहा है 'अजब' डेटा!

Photo Credit: NASA

Voyager 1 को लेकर वैज्ञानिक चिंतित हैं क्योंकि इसने नवंबर के बाद से अब तक धरती पर कोई भी संगत डेटा नहीं भेजा है।

ख़ास बातें
  • Voyager 1 अबतक 24 अरब किलोमीटर दूर पहुंच चुका है।
  • नासा ने Voyager 1, Voyager 2 को 1977 में लॉन्च किया था।
  • स्पेसक्राफ्ट 4 साल के मिशन पर निकले थे।
विज्ञापन
NASA का Voyager 1 स्पेसक्राफ्ट वर्तमान में मनुष्य द्वारा अंतरिक्ष में भेजी गई सबसे दूर पहुंचने वाली वस्तु है। यानी यह स्पेसक्राफ्ट मनुष्य से सबसे दूर मौजूद है। यह 24 अरब किलोमीटर दूर पहुंच चुका है। लेकिन इसको ऑपरेट करने वाले वैज्ञानिकों की चिंता अब बढ़ गई है। स्पेसक्राफ्ट पिछले कुछ समय से सही से काम नहीं कर रहा है। यह स्पेस एजेंसी के मिशन कंट्रोलर्स के पास अजब डेटा भेज रहा है जो तर्कसंगत नहीं है। यानी कि स्पेसक्राफ्ट उट-पटांग डेटा दे रहा है। 

नासा की जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी में कार्यरत सुजेन डॉड के अनुसार, स्पेसक्राफ्ट ने उनसे एक संगत तरीके से बात करना बंद कर दिया है। सुजेन डॉड वॉयेजर इंटरस्टैलर मिशन में 2010 से जुड़ी हैं और इसके प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में काम कर रही हैं। Voyager 1 और इसका भाई Voyager 2, दोनों ही 40 साल से भी ज्यादा समय से अंतरिक्ष की यात्रा पर हैं। Science Friday के अनुसार, इन्हें नासा ने 1977 में लॉन्च किया था। धरती से ये स्पेसक्राफ्ट बहुत अधिक दूरी पर हैं। नासा का कहना है कि इनकी दूरी उस दूरी की 130 गुना है जो कि सूरज और धरती के बीच में है। 

स्पेसक्राफ्ट 4 साल के मिशन पर निकले थे। इन्हें जुपिटर, सेटर्न और उनके चंद्रमाओं के बारे में जानकारी जुटाने के लिए अंतरिक्ष में भेजा गया था। यानी कि ये इनके निर्धारित मिशन से 35 साल ज्यादा काम कर चुके हैं। दोनों ही स्पेसक्राफ्ट्स ने बृहस्पति और शनि ग्रह के बारे में कई महत्वपूर्ण खोजें की हैं। इन्होंने जुपिटर के चंद्रमा पर सक्रिय ज्वालामुखियों का पता लगाया है। Voyager 2 यूरेनस और नेपच्यून तक भी खोज करने गया है। यह इकलौता स्पेसक्राफ्ट है जो इन दो ग्रहों तक पहुंचा है। 

Voyager 1 को लेकर वैज्ञानिक चिंतित हैं क्योंकि इसने नवंबर के बाद से अब तक धरती पर कोई भी संगत डेटा नहीं भेजा है। हां, इसने कुछ अद्भुत तस्वीरें खींची हैं जिनमें धरती की Pale Blue Dot इमेज भी शामिल है। Carl Sagan ने इसके माध्यम से बताया है कि हमारा अस्तित्व इस ब्रह्मांड में कितना छोटा है। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Realme P3 5G सीरीज को Rs 4,000 तक सस्ता खरीदने का मौका, जानें सेल की सभी डिटेल्स
  2. Paytm 'Hide Payment' Feature: अब हाइड करें अपने प्राइवेट ट्रांजेक्शन, ऐसे काम करता है नया फीचर
  3. Google Chrome यूजर्स को सरकार की चेतावनी, मंडरा रहा हैकर्स का खतरा
  4. Google I/O 2025: AI पर रहेगा बड़ा फोकस, आम यूजर्स के लिए पेश किए जाएंगे ये नए प्रोडक्ट्स, जानें सब कुछ...
  5. Google I/O 2025 Live Streaming: कल इस समय घर बैठे लाइव देखें Google का सबसे बड़ा टेक इवेंट!
  6. UPI से पेमेंट करने पर मिलेगा कैशबैक!
  7. Infinix XPad GT टैबलेट 10000mAh बैटरी, 13MP कैमरा के साथ होगा पेश, स्पेसिफिकेशंस हुए लीक
  8. BGMI Pro Series 2025 का एलान, Rs 2 करोड़ जीतने का मौका; ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
  9. Vivo S30, S30 Pro Mini देंगे 16GB रैम के साथ दस्तक, डिजाइन और कलर्स आए सामने
  10. Xiaomi का नया माइक्रोवेव 700W हीटिंग पावर से मिनटों में पका सकता है खाना, इस कीमत में हुआ लॉन्च
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »