यूरेनस (Uranus) हमारे सौर मंडल का सातवां ग्रह है। जिस तरह हमारी पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में 365 दिनों का वक्त लगता है, यही काम यूरेनस 84 साल में कर पाता है। बीते कई वर्षों से इस ग्रह का नॉर्थ पोलर रीजन (उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र) पृथ्वी की ओर फोकस्ड है। वैज्ञानिकों ने इसका फायदा उठाया है। एक शोध में पता चला है कि यूरेनस के नॉर्थ पोल में विशाल चक्रवात आते हैं। इस निष्कर्ष तक पहुंचने में हाईटेक टेलीस्कोपों का डेटा काम आया।
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स्टडी जियोफिजिकल लेटर्स में पब्लिश हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिक लंबे वक्त से यूरेनस के नॉर्थ पोलर रीजन को टटोल रहे हैं। शुरुआत में समस्याएं आईं, क्योंकि हमारे टेलीस्कोप बहुत पावरफुल नहीं थे। जैसे-जैसे तकनीक का विकास हुआ, वेरी लार्ज एरे (Very Large Array) (वीएलए) जैसे रेडियो टेलीस्कोप अंतरिक्ष से जुड़ी बेहतरीन जानकारियां जुटाने लगे। न्यू मैक्सिको में लगाए गए इसी टेलीस्कोप की मदद से वैज्ञानिकों ने यूरेनस के ध्रुवीय इलाके में विशाल चक्रवातों (giant cyclone) का पता लगाया है।
रिपोर्ट के अनुसार, साल 1986 में यूरेनस के पास वायेजर 2 (Voyager 2) ने उड़ान भरी थी। तब इसके साउथ पोल के बारे में जानकारी मिली थी। ग्रह इस तरह से झुका हुआ था कि स्पेसक्राफ्ट उसके नॉर्थ पोल को नहीं देख पाया। अब यूरेनस का नॉर्थ पोल पृथ्वी की ओर फोकस्ड है और न्यू मैक्सिको में लगाया गया वीएलए टेलीस्कोप कई साल से यूरेनस के नॉर्थ पोल को देख रहा है। इसने साल 2015 से साल 2022 तक का डेटा जुटाया है।
आंकड़ों से पता चला है कि यूरेनस के नॉर्थ पोल में हवाएं गर्म और सूखी हुई हैं। यह एक पावरफुल चक्रवात की पहचान है। रिसर्चर्स का कहना है कि यूरेनस को सिर्फ गैस से भरी नीली बॉल ना समझें। वहां बहुत कुछ हो रहा है। रिसर्चर्स का मानना है कि यूरेनस पर जिस तरह के चक्रवात आते हैं, वह शनि ग्रह के ध्रुवों पर देखे गए चक्रवात जैसे हैं। शोध इस बात की पुष्टि करता है कि पर्याप्त वायुमंडल वाले ग्रह चाहे वह चट्टानी हों या गैसीय, वहां इस तरह की घटनाएं देखी जा सकती हैं।
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