इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत, फिनलैंड की नोकिया के 5G FWA और Wi-Fi 6 एक्सेस प्वाइंट डिवाइसेज की 'मेक इन इंडिया' मिशन के अनुसार देश में मैन्युफैक्चरिंग की जाएगी। हालांकि, इस कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू की जानकारी नहीं मिली है। इससे उन क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड की उपलब्धता बढ़ेगी जहां फाइबर कनेक्टिविटी सीमित या उपलब्ध नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी का दो दिन का अमेरिका का दौरा बुधवार से शुरू हुआ है। इस बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि मोदी और मस्क के बीच मीटिंग में भारत में स्टारलिंक की सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस लॉन्च करने की योजना में देरी का मुद्दा शामिल हो सकता है। एक सूत्र ने बताया कि सिक्योरिटी को लेकर आशंकाओं पर भारत को आश्वासन देने के लिए मस्क सहमत हैं। इसमें डेटा की लोकल स्टोरेज शामिल है।
भारती एयरटेल ने डेटा की बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए कवरेज बढ़ाने की योजना बनाई है। इसके साथ ही कंपनी ने 4G नेटवर्क में नया इनवेस्टमेंट नहीं करने का फैसला किया है।पिछली तिमाही के अंत में कंपनी के पास 12 करोड़ सब्सक्राइबर्स का 5G बेस था। स्मार्टफोन की कुल शिपमेंट्स में 5G स्मार्टफोन्स की हिस्सेदारी बढ़कर 80 प्रतिशत से अधिक हो गई है।
भारत में सैटेलाइट स्पेक्ट्रम को प्रशासनिक तरीके से एलोकेट किया जा सकता है। देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी Reliance Jio की भी यह सर्विस शुरू करने की योजना है। ऐसी रिपोर्ट है कि स्टारलिंक ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट की ओर से लोकल डेटा स्टोरेज सरकार की ओर से डेटा इंटरसेप्शन से जुड़ी शर्तों के लिए औपचारिक तौर पर सहमति दी है।
Bharti Enterprises के वाइस चेयरमैन, Rajan Bharti Mittal ने बताया कि कंपनी स्पेक्ट्रम एलोकेशन का इंतजार कर रही है। गुजरात और तमिलनाडु में कंपनी के दो स्टेशंस तैयार हैं। अनुमति मिलने के बाद इस सर्विस को लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारती एंटरप्राइसेज ने 635 सैटेलाइट लॉन्च किए हैं और कंपनी अन्य देशों में सर्विसेज उपलब्ध करा रही है।
टेलीकॉम मिनिस्टर Jyotiraditya Scindia का कहना है कि इससे कंज्यूमर्स को अधिक विकल्प मिलेंगे। उन्होंने Reliance Jio की इस आशंका को गलत बताया है कि इससे Elon Musk की Starlink को फायदा होगा। पिछले कुछ महीनों से सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए स्पेक्ट्रम को दिए जाने के तरीके को लेकर स्टारलिंक का Mukesh Ambani की रिलायंस जियो के साथ विवाद चल रहा था।
SpaceX ने एक रिपोर्ट के माध्यम से जानकारी दी कि Falcon 9 रॉकेट के माध्यम से 46 सैटलाइट अंतरिक्ष में छोड़े गए हैं। इन्हें Space Launch Complex 4 East (SLC-4E) स्टेशन से ऑर्बिट में स्थापित किया गया है।