• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • What is Ariane 6 Rocket : एरियन 6 रॉकेट का सफल लॉन्‍च, अब अपने दम पर बड़े स्‍पेस मिशन लॉन्‍च कर पाएगा यूरोप

What is Ariane 6 Rocket : एरियन-6 रॉकेट का सफल लॉन्‍च, अब अपने दम पर बड़े स्‍पेस मिशन लॉन्‍च कर पाएगा यूरोप

What is Ariane 6 Rocket : यह लॉन्‍च फ्रेंच गुयाना में यूरोप के स्पेसपोर्ट से किया गया।

What is Ariane 6 Rocket : एरियन-6 रॉकेट का सफल लॉन्‍च, अब अपने दम पर बड़े स्‍पेस मिशन लॉन्‍च कर पाएगा यूरोप

Photo Credit: @esa

एरियन-6 को एरियन-5 रॉकेट के सक्‍सेसर के तौर पर बनाया गया है।

ख़ास बातें
  • Ariane 6 रॉकेट की पहली सफल उड़ान
  • यूरोप का हैवी लिफ्ट रॉकेट है यह
  • भविष्‍य के मिशनों में यूरोप को मिलेगा फायदा
विज्ञापन
यूरोपीय स्‍पेस प्रोग्राम ने बुधवार को बड़ी छलांग लगाई। यूरोप के पहले हैवी लिफ्ट रॉकेट ‘एरियन-6' (Ariane 6) ने अपनी पहली सफल उड़ान भरी। यह लॉन्‍च फ्रेंच गुयाना में यूरोप के स्पेसपोर्ट से किया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, एरियन-6 का उड़ान भरना यूरोप के लिए काफी मायने रखता है। इस रॉकेट की मदद से वह भविष्‍य में अपने सुदूर स्‍पेस मिशनों को अकेले के दम पर लॉन्‍च करने के काबिल बनेगा और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) पर निर्भरता कम होगी। एरियन-6 को एरियन-5 रॉकेट के सक्‍सेसर के तौर पर बनाया गया है। 

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, नया रॉकेट लो-अर्थ ऑर्बिट यानी पृथ्‍वी की निचली कक्षा में और डीप स्‍पेस में भी मिशनों को लॉन्‍च कर सकता है। रॉकेट के डिजाइन ऐसा है कि इसे मिशनों की जरूरत के हिसाब से सेट किया जा सकता है। यही वजह है कि एरियन-6 की सफल उड़ान के बाद दुनिया के स्‍पेस लॉन्‍च मार्केट में प्रतिस्‍पर्धा बढ़ सकती है।  
 

ईएसए के डायरेक्‍टर जनरल जोसेफ एशबैकर ने इस लॉन्‍च को ‘इंजीनियरिंग और टेक्‍नोलॉजी में यूरोपीय उत्कृष्टता' का प्रदर्शन बताया। उन्‍होंने वर्षों से इस काम में लगे हजारों लोगों की मेहनत को भी स्‍वीकारा। रॉकेट को तैयार करने में यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ESA), CNES, एरियन ग्रुप और एरियनस्‍पेस की टीमों ने अहम भूमिका निभाई है।  

एरियन-6 की पहली उड़ान को VA262 नाम दिया गया था। इस उड़ान के दौरान रॉकेट ने पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बचने और अंतरिक्ष में ऑपरेट करने की अपनी क्षमता को दिखाया। टेस्‍ट फ्लाइट होने के बावजूद रॉकेट अपने साथ कई पेलोड लेकर गया। इनमें स्‍पेस एजेंसियों, कंपनियों, रिसर्च इंस्टिट्यूट और यूनिवर्सिटीज के एक्‍सपेरिमेंट और सैटेलाइट शामिल थे।  

लॉन्‍च के लगभग एक घंटे बाद रॉकेट ने सैटेलाइट्स को धरती से 600 किलोमीटर ऊपर ऑर्बिट में पहुंचा दिया। माना जा रहा है कि इस रॉकेट दम पर यूरोप ग्‍लोबल स्‍पेस सेक्‍टर में अपनी पकड़ को मजबूत बना सकता है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Amazon Prime Day Sale 2025: Rs 50,000 के अंदर टॉप लैपटॉप डील्स
  2. Amazon Prime Day Sale 2025: 1.5 Ton साइज, 4 Star एनर्जी रेटिंग और AI फीचर्स, वो भी Rs 30 हजार में!
  3. Flipkart GOAT Sale 2025 Live: iPhone 16 से लेकर Galaxy S24 तक, ये हैं टॉप डील्स
  4. Amazon Prime Day Sale Live: शुरू हुई अमेजन सेल, स्मार्टफोन से लेकर होम अप्लायंस तक, ये हैं टॉप डील्स
  5. भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से वापसी से लेकर एमेजॉन की प्राइम डे सेल, ये हैं आज की महत्वपूर्ण खबरें
  6. भारत के इंटरनेट के मार्केट में जल्द होगी Musk की स्टारलिंक की एंट्री, Reliance Jio को मिलेगी टक्कर 
  7. Oppo K13 Turbo सीरीज में मिलेगी RGB लाइटिंग और फैन, इस महीने लॉन्च
  8. Amazon Rewards Gold: Prime Day Sale से पहले ग्रहकों को बड़ा तोहफा! हर खरीद पर मिलेगा फायदा
  9. बस 10 साल ही चल पाया YouTube का यह पॉपुलर फीचर, क्या आप पर भी पड़ेगा असर? यहां जानें
  10. Realme की Note 70T के लॉन्च की तैयारी, 50 मेगापिक्सल हो सकता है प्राइमरी कैमरा
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »