हमारे सौर मंडल में एक ऐसा एस्टरॉयड है, जिसे धरती पर ले आया जाए और सभी में बराबर बांट दिया जाए, तो हर इंसान अरबपति हो सकता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) की ‘नजर' उस एस्टरॉयड पर है। एस्टरॉयड का नाम है-
साइकी (Psyche)। नासा ने
ऐलान कर दिया है कि वह 5 अक्टूबर को एक मिशन लॉन्च करने जा रही है, जो एस्टरॉयड साइकी के बारे में जानकारी जुटाएगा। नासा का स्पेसक्राफ्ट फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरेगा।
क्या है एस्टरॉयड साइकी?
अमेरिकी स्पेस एजेंसी के
अनुसार, यह पृथ्वी से खोजा जाने वाला 16वां एस्टरॉयड था। साइकी को साल 1852 में इतालवी खगोलशास्त्री एनीबेल डी गैस्पारिस ने खोजा था। इसका नाम प्राचीन ग्रीक पौराणिक कथाओं में आत्मा की देवी के नाम पर रखा था।
इसका व्यास 226 किलोमीटर होने का अनुमान है। वैज्ञानिकों ने रडार की मदद से एस्टरॉयड साइकी को स्टडी किया है। पता चला है कि साइकी का आकार एक आलू के जैसा है। यह बेशकीमती धातुओं को अपने में समेटे हुए है।
10 हजार क्वाड्रिलियन डॉलर है कीमत
रिपोर्ट्स के अनुसार, एस्टरॉयड साइकी में 10,000 क्वाड्रिलियन डॉलर कीमत का लोहा, निकल और सोना मौजूद हो सकता है। क्वाड्रिलियन की वैल्यू छोटी-मोटी नहीं है। एक क्वाड्रिलियन में 15 जीरो होते हैं। यह ट्रिलियन के भी बाद आने वाला नंबर है।
कहां है एस्टरॉयड साइकी?
एस्टरॉयड साइकी अंतरिक्ष में मंगल और बृहस्पति के बीच मुख्य एस्टरॉयड बेल्ट में है। नासा के स्पेसक्राफ्ट को वहां तक पहुंचना है। नासा के अनुसार, उसका मिशन करीब 26 महीनों तक साइकी का चक्कर लगाएगा। वह एस्टरॉयड की इमेज लेगा। डेटा जुटाएगा, ताकि वैज्ञानिकों को इसके इतिहास और संरचना के बारे में अधिक समझने में मदद मिल सके।
यह नासा का दीर्घकालिक मिशन है। स्पेसक्राफ्ट कुल 6 साल के सफर पर निकलेगा और खुद को चालू रखने के लिए सोलर इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन का इस्तेमाल करेगा।