Breath Fingerprint : भारतीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने कहा है कि सांस लेने के दौरान हवा में पैदा होने वाली टर्ब्युलन्स (हलचल) बायोमैट्रिक अथॉन्टिकेशन मेथड के रूप में काम कर सकती है।
धान के कचरे से पैदा हुई एक्टिव कार्बन से बने सुपरकैपेसिटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, एनर्जी और कृषि क्षेत्रों में उपभोक्ताओं के लिए लाभदायक है और सुपरकैपेसिटर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता विकसित करने में मदद कर सकते हैं।
शिक्षा मंत्रालय के नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क के अनुसार, IIT मद्रास ने लगातार चौथे साल देश के शैक्षणिक संस्थानों में शीर्ष स्थान हासिल किया है।
अग्निकुल ने दिसंबर 2020 में ISRO के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह समझौता IN-SPACe के तहत हुआ था जिसमें इसरो की एक्सपर्टीज और फैसिलिटी का इस्तेमाल रॉकेट इंजनों का निर्माण करने के लिए किया जा सकता है।
वैष्णव ने भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग साइट कू (Koo) पर पोस्ट किया कि 'आईआईटी मद्रास में 5जी कॉल का सफलतापूर्वक टेस्टिंग की गई। पूरा का पूरा एंड टू एंड नेटवर्क भारत में डिजाइन और तैयार किया गया है।'
IIT Madras द्वारा यह प्रोग्राम तीन स्तर में विभाजित किया गया है। पहला स्तर हैं- फाउंडेशनल लेवल, जिसमें आपको 8 कोर्स मिलेंगे, दूसरा स्तर है- डिप्लोमा लेवल, जिसमें 6 प्रोग्रामिंग कोर्स + 6 डेटा साइंस कोर्स शामिल हैं और तीसरा व अंतिम- डिग्री लेवल, जिसमें 11 कोर्स मौजूद हैं।