• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • फ‍िंगरप्रिंट हुआ पुराना, अब सांस लेकर अनलॉक होंगे स्‍मार्टफोन! नई स्‍टडी से चला पता

फ‍िंगरप्रिंट हुआ पुराना, अब सांस लेकर अनलॉक होंगे स्‍मार्टफोन! नई स्‍टडी से चला पता

Breath Fingerprint : इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मरे हुए इंसान के पर्सनल गैजट को अनलॉक नहीं किया जा सकेगा।

फ‍िंगरप्रिंट हुआ पुराना, अब सांस लेकर अनलॉक होंगे स्‍मार्टफोन! नई स्‍टडी से चला पता

बायोमैट्रिक अथॉन्टिकेशन के लिए कई तरह की तकनीक इस्‍तेमाल होती हैं, लेकिन सांस का इस्‍तेमाल बायोमैट्रिक के लिए होना बिलकुल नया होगा।

ख़ास बातें
  • ब्रीदिंग डेटा का विश्‍लेषण करते हुए मिली जानकारी
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलजी, चेन्नै के वैज्ञानिकों ने किया प्रयोग
  • अगर यह तकनीक आती है तो बिना सांस अनलॉक नहीं होंंगे स्‍मार्टफोन्‍स
विज्ञापन
भारतीय वैज्ञानिकों ने एक बड़ा दावा किया है। कहा है कि सांस लेने के दौरान हवा में पैदा होने वाली टर्ब्युलन्स (हलचल) बायोमैट्रिक अथॉन्‍ट‍िकेशन मेथड के रूप में काम कर सकती है। यानी उस हलचल से स्‍मार्टफोन्‍स और अन्‍य डिवाइसेज को अनलॉक किया जा सकता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मरे हुए इंसान के पर्सनल गैजट को अनलॉक नहीं किया जा सकेगा। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलजी, चेन्नै के महेश पंचाग्नुला और उनकी टीम ने अपने प्रयोगों से यह जानकारी जुटाई है।  

टीम ने एयर प्रेशर सेंसर से रिकॉर्ड किए गए ब्रीदिंग डेटा के साथ प्रयोग किया। शुरुआत में वैज्ञानिकों का मकसद सिर्फ एक एआई मॉडल को डेवलप करना था, जो सांस की बीमारियों के मरीजों की पहचान कर सके। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रीदिंग डेटा ने वैज्ञानिकों की उम्‍मीद से ज्‍यादा जानकारी दी। 

रिसर्चर्स ने पाया कि एआई मॉडल एक बार किसी सब्‍जेक्‍ट की सांस के डेटा को एनालाइज कर लेता है, तो 97 फीसदी एक्‍युरेसी के साथ यह वेरिफाई कर सकता है कि उस व्‍यक्ति ने नई सांस ली है या नहीं।  

रिसर्चर्स ने यह भी परखा कि क्‍या एआई मॉडल दो लोगों की सांस में फर्क कर पाता है या नहीं। इस काम को उसने 50 फीसदी से ज्‍यादा एक्‍युरेसी के साथ करके दिखाया। वैज्ञानिकों का कहना है कि इंसान की नाक, मुंह, गले से सांस अंदर जाते हुए जो टर्ब्युलन्स पैदा होता है, एआई मॉडल उसके खास पैटर्न की पहचान करता है।

हालांकि यह प्रयोग शुरुआती है, लेकिन उत्‍साहित करने वाला है। मौजूदा वक्‍त में बायोमैट्रिक अथॉन्टिकेशन के लिए कई तरह की तकनीक इस्‍तेमाल होती हैं, लेकिन सांस का इस्‍तेमाल बायोमैट्रिक के लिए होना बिलकुल नया होगा। कई फ‍िल्‍मों में हमने देखा है कि मरे हुए इंसान के स्‍मार्टफोन व अन्‍य गैजेट्स को अनलॉक कर दिया जाता है। सांस से गैजेट अनलॉक होने लगेंगे, तो मरने के बाद किसी की डिवाइस अनलॉक नहीं की जा सकेगी। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Sony ने की 20 अरब इमेज सेंसर्स की बिक्री, स्मार्टफोन कैमरा ने बढ़ाई डिमांड
  2. रोबोट समझेंगे आपके जज्बात! इस नई तकनीक से वैज्ञानिक कर रहे दावा
  3. 64MP कैमरा, 6050mAh बैटरी जैसे तगड़े फीचर्स वाला रग्ड फोन Ulefone Armor X31 Pro लॉन्च, जानें कीमत
  4. 16GB रैम, 6400mAh बैटरी वाले OnePlus Ace 5, Ace 5 Pro फोन के फुल स्पेसिफिकेशन लॉन्च से पहले लीक!
  5. BSNL लॉन्च करेगी eSIM, अगले वर्ष जून तक पूरे देश में होगा 4G नेटवर्क
  6. 'HR करेंगे बात ...' Ola सीईओ भाविश अग्रवाल का यह ईमेल सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल, जानें वजह
  7. Realme 14x 5G vs Poco M7 Pro 5G: Rs 15 हजार में कौन सा है दमदार स्मार्टफोन? जानें
  8. WhatsApp New Year Stickers: नए साल 2025 के लिए Whatsapp में आए खास फीचर्स, ऐसे करें इस्तेमाल
  9. Maruti Suzuki की 500 Km रेंज वाली e Vitara इलेक्ट्रिक SUV का भारत में लॉन्च कंफर्म! जानें क्या होगा खास?
  10. गलती से iPhone मंदिर की दानपेटी में गिरा, वापस मांगा तो प्रशासन बोला- 'नहीं मिलेगा, अब यह भगवान का ...'
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »