गुजरात के एक बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट करके उससे 1 करोड़ रुपया लूट लिया गया। स्कैमर्स ने CBI ऑफिसर बनकर कॉल किया और कहा कि उनके नाम से चीन में ड्रग की सप्लाई हो रही है। 15 दिन तक बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया। परिवार को घटना का पता चला तो साइबर सेल में शिकायत की जिसके बाद 5 आरोपी गिरफ्तार किए गए। मास्टरमाइंड की तलाश अभी भी जारी है।
देश में डिजिटल अरेस्ट स्कैम के लगातार सामने आ रहे मामलों के बीच सरकार ने स्कैमर्स पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार 6.69 लाख से ज्यादा सिम कार्ड और 1 लाख 32 हजार IMEI नंबर ब्लॉक किए गए हैं। सरकार ने एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि डिजिटल अरेस्ट से निपटने के लिए तंत्र को मजबूत करते हुए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
डिजिटल फ्रॉड के केस तेजी से बढ़ रहे हैं और अब ऐसा क्राइम युवाओं द्वारा भी किया जा रहा है। राजस्थान के अजमेर से एक हैरान करने वाली घटना रिपोर्ट की गई है, जिसमें एक 19 वर्षीय युवा ने 200 से अधिक लोगों को अपने जाल में फंसाया और उनसे करीब 42 लाख रुपये ठग लिए। युवा 11वीं कक्षा का छात्र बताया जा रहा है। इसने लोगों को एक झूठी स्कीम बताई और उनसे इस स्कीम में निवेश करने के लिए कहा।
नोएडा के साइबर पुलिस स्टेशन की एक इंस्पेक्टर का कहना है कि यह मामला 13 नवंबर का है, जब सेक्टर 34 के धवलगिरी अपार्टमेंट में रहने वाली सीजा टीए को एक फोन कॉल आया।
अमेरिकी सांसद क्रिप्टो सेगमेंट के विभिन्न पहलुओं को कानून के तहत लाने पर आगे बढ़ रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में दो सांसदों ने अल साल्वाडोर के पिछले वर्ष बिटकॉइन को कानूनी दर्जा देने से अमेरिकी इकोनॉमी के लिए वित्तीय जोखिम कम करने से जुड़ा एक कानून प्रस्तुत किया था
सायबर अपराधियों ने पिछले वर्ष ब्लॉकचेन सेगमेंट में हैकिंग से लगभग 1.3 अरब डॉलर चुराए थे। डिजिटल एसेट्स की लोकप्रियता बढ़ने के साथ ही हैकिंग के मामलों में भी तेजी आ रही है