डिजिटल अरेस्ट के केस अब काफी बढ़ गए हैं। आए दिन किसी न किसी के साथ डिजिटल अरेस्ट की घटना सामने आ रही है। अब गुजरात के एक बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट करके उससे 1 करोड़ रुपया लूट लिया गया। स्कैमर्स ने पीड़ित के पास CBI ऑफिसर बनकर कॉल किया। पीड़ित को बताया गया कि उनके नाम से ड्रग की सप्लाई हो रही है। 15 दिन तक बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया। आइए जानते हैं पूरा मामला।
गुजरात के सूरत में 90 साल के एक बुजुर्ग से स्कैमर्स ने
डिजिटल अरेस्ट के जरिए 1 करोड़ रुपये की ठगी कर डाली। बुजुर्ग ने अपनी जीवनभर की कमाई इस ठगी में गंवा दी।
रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात के सूरत में यह घटना सामने आई है। पीड़ित एक ट्रेडर हैं जो स्टॉक मार्केट में पैसे लगाते हैं। डिप्टी कमिशनर भावेश रोजिया के अनुसार, पीड़ित के पास Whatsapp पर एक कॉल आता है। सामने वाला खुद को सीबीआई का अफसर बताता है और कहता है कि पीड़ित के नाम से एक पार्सल मुंबई से चीन भेजा जा रहा था। पार्सल में ड्रग सप्लाई किया जा रहा था।
15 दिन तक बुजुर्ग को इसी फेक कॉल के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया। पुलिस के अनुसार, पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जो चीन में एक टीम के साथ मिले हुए थे। मुख्य आरोपी पार्थ गोपानी बताया गया है जिसके बारे में कहा है कि वह कम्बोडिया में छुपा हो सकता है। जिसके बारे में पुलिस अभी छानबीन कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित को डर दिखाया गया कि उसे और उसके परिवार को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसी डर के चलते पीड़ित ने स्कैमर्स के कहे अनुसार 1 करोड़ 15 लाख रुपये अकाउंट में ट्रांसफर करवा दिए। परिवार के अन्य लोगों को जब घटना के बारे में पता चला तो उन्होंने सूरत के साइबर सेल में इसके बारे में जानकारी दी। गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों के पास से अलग-अलग बैंकों के 46 डेबिट कार्ड, एक व्हीकल, 4 अलग-अलग कंपनियों के रबर स्टाम्प, 9 मोबाइल फोन और 28 सिम कार्ड बरामद हुए।