भारत में साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और 2024 में अब तक 11 लाख से ज्यादा केस दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें डिजिटल अरेस्ट स्कैम नामक धोखाधड़ी के मामले भी शामिल हैं, जिसमें अपराधी खुद को पुलिस या अन्य जांच एजेंसियों का अधिकारी बताकर लोगों को डराने और ठगने की कोशिश करते हैं। खासतौर पर वरिष्ठ नागरिक और टेक्नोलॉजी से कम परिचित लोग इनके निशाने पर होते हैं। सरकार ने हाल ही में ऐसे साइबर अपराधों को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी है, जिनमें हजारों फर्जी WhatsApp और Skype अकाउंट्स को ब्लॉक करना भी शामिल है।
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने बताया कि भारतीय
साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने अब तक 83,668 WhatsApp अकाउंट्स और 3,962 Skype आईडी ब्लॉक की हैं, जिनका इस्तेमाल डिजिटल अरेस्ट स्कैम जैसे अपराधों में हो रहा था। इसके अलावा, 7.81 लाख से ज्यादा सिम कार्ड और 2.08 लाख IMEI नंबर पुलिस द्वारा रिपोर्ट किए जाने के बाद निष्क्रिय किए गए हैं।
सरकार टेलीकॉम कंपनियों के साथ मिलकर ऐसे नंबरों पर रोक लगाने के लिए एक स्पेशल सिस्टम डेवलप कर रही है, जो इंटरनेशनल स्कैमर्स द्वारा भारतीय नंबरों को स्पूफ कर कॉल करने की एक्टिविटी को ट्रैक और ब्लॉक कर सके।
अब तक I4C ने 4,386 करोड़ रुपये से ज्यादा की
ठगी को समय रहते रोकने में सफलता हासिल की है। Citizen Financial Cyber Fraud Reporting and Management System, जो 2021 में लॉन्च किया गया था, अब तक 13.36 लाख से ज्यादा साइबर फ्रॉड की शिकायतें दर्ज कर चुका है।
सरकार
साइबर फ्रॉड को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए भी कई तरीके अपना रही है। अब आउटगोइंग कॉल्स पर साइबर फ्रॉड से बचाव के लिए अनस्किपेबल कॉलर ट्यून चलाई जा रही है, जिससे लोगों को ऐसे घोटालों के प्रति सतर्क किया जा सके। इसके अलावा, अखबारों में विज्ञापन, सोशल मीडिया पर कैंपेन और डिजिटल इन्फ्लुएंसर्स के साथ साझेदारी के जरिए भी लोगों को इस बारे में बताया जा रहा है।