मोबाइल प्रीपेड रिचार्ज की कीमतों में बीते कुछ साल में बढ़ोतरी हुई है, इसके बावजूद देश में मोबाइल डेटा इस्तेमाल करना काफी सस्ता है। वर्ल्डवाइड मोबाइल डेटा प्राइसिंग 2022 (Worldwide Mobile Data Pricing 2022) की लिस्ट में भारत को पांचवें स्थान पर रखा गया है। इस रिपोर्ट में 233 देशों में 1GB मोबाइल डेटा की लागत मापी गई है। लिस्ट के मुताबिक इजरायल में मोबाइल डेटा की कीमतें सबसे कम हैं। वहां एक जीबी डेटा की कीमत 0.04 डॉलर (लगभग 3 रुपये प्रति जीबी) है। दूसरी ओर, दक्षिण अटलांटिक महासागर में स्थित ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र सेंट हेलेना में मोबाइल डेटा की कीमत सबसे ज्यादा है। वहां एक जीबी डेटा की लागत 41.06 डॉलर (लगभग 3,500 रुपये) है। वहीं उत्तरी अमेरिका में एक जीबी मोबाइल डेटा की कीमत 4.98 डॉलर (लगभग 400 रुपये) है।
वर्ल्डवाइड मोबाइल डेटा प्राइसिंग 2022 लिस्ट को
Cable.co.uk ने कंपाइल किया है। यह एक प्राइस कंपेरिजन साइट है। वेबसाइट का दावा है कि इजरायल, इटली, सैन मैरिनो, फिजी और भारत मोबाइल डेटा के लिए भुगतान करने वाले टॉप 5 सबसे सस्ते देश हैं। लिस्ट के मुताबिक, भारत 0.17 डॉलर (लगभग 14 रुपये प्रति जीबी) की लागत के साथ पांचवें स्थान पर है।
रिपोर्ट बताती है कि भारत की आबादी मोबाइल डेटा पर बहुत अधिक निर्भर करती है। इसने डिमांड को बढ़ाया है, जिससे सर्विस प्रोवाइडर्स को कॉम्पिटिशन में बने रहने के लिए कीमतों में कटौती करने पर मजबूर होना पड़ा है। वहीं इजरायल 5G तकनीक के मामले में ग्लोबल लीडर माना जाता है और इसने प्राइसिंग में भी खुद को टॉप पर बनाए रखा है।
लिस्ट के अनुसार, सेंट हेलेना, फॉकलैंड द्वीप समूह, साओ टोमे और प्रिंसिपे, टोकेलाऊ और यमन मोबाइल डेटा के मामले में पांच सबसे महंगे देश हैं। इनमें से चार द्वीपीय देश हैं और दो सब-सहारा अफ्रीकी रीजन में स्थित हैं। दुनिया के 13 वैश्विक क्षेत्रों की बात करें, तो इनमें सब-सहारा अफ्रीका दूसरा सबसे महंगा मोबाइल डेटा वाला देश है, जिसकी औसत लागत 4.47 डॉलर (लगभग 400 रुपये) है। नॉर्थ अमेरिका सबसे महंगा है और नॉर्थ अफ्रीका 1.05 डॉलर (लगभग 80 रुपये) के औसत के साथ सबसे सस्ता है। डेटा की लागत में अंतर के लिए रिसर्चर्स ने चार चीजों को जिम्मेदार ठहराया है। इनमें उत्कृष्ट बुनियादी ढांचा, बहुत ज्यादा निर्भरता, कम खपत और एक समृद्ध अर्थव्यवस्था शामिल हैं।