मोबाइल सब्सक्राइबर्स को स्पैम कॉल्स और फ्रॉड मैसेज से छुटकारा दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने टेलीकॉम बिल में प्रावधान किए हैं। कम्युनिकेशंस मिनिस्टर Ashwini Vaishnaw ने कहा कि इस बिल से सब्सक्राइबर्स को स्पैम कॉल्स और मैसेज की परेशानी से राहत मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि इस बिल में यूजर्स की सुरक्षा के लिए उपाय शामिल हैं। Vaishnaw ने एक संवाददाता सम्मेलन में
बताया, "हमें प्रभावी रेगुलेशन बनाना होगा। इसके साथ ही यह ध्यान रखा जाएगा कि इससे किसी को परेशानी न हो।" टेलीकॉम बिल के ड्राफ्ट पर स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसके बाद इसे फाइनल किया जाएगा। इसके दायरे में WhatsApp, Facebook, Telegram और Signal जैसे ऐप्स आएंगे। टेलीकॉम सर्विसेज की परिभाषा में ओवर-द-टॉप ( OTT) प्लेटफॉर्म्स और कम्युनिकेशन सर्विसेज को शामिल किया जाएगा।
कॉलिंग और मैसेजिंग सर्विसेज देने वाले Whatsapp, Zoom, Skype, Facebook Messenger, Telegram, Microsoft Teams और Google Duo जैसे ऐप्स को जल्द ही देश में बिजनेस के लिए लाइसेंस लेने की जरूरत हो सकती है। सरकार का मानना है कि टेलीकॉम बिल के पारित होने के बाद सायबर फ्रॉड में कमी आएगी। Vaishnaw ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को कॉल की जा रही है तो उसे पता होना चाहिए कि कॉल करने वाला कौन है। टेलीकॉम एक्ट में प्रत्येक यूजर के लिए यह अधिकार दिया गया है।
हाल ही में सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को सर्विस क्वालिटी में
सुधार करने को कहा था। Vaishnaw ने इस सेक्टर में रिफॉर्म्स बढ़ाने का आश्वासन दिया है। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री को भी अपनी जिम्मेदारी पूरी करते हुए सर्विस की क्वालिटी में सुधार करना चाहिए। उन्होंने टेलीकॉम कंपनियों और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स को इसके लिए तेजी से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया था। उनका कहना था कि कोशिशें एक पक्ष की ओर से नहीं हो सकती और इसके लिए दूसरी ओर से भी प्रतिक्रिया होनी चाहिए। Vaishnaw ने कहा था कि देश में 5G की यात्रा रोमांचक होगी। सरकार ने इसके लिए कम अवधि में 80 प्रतिशत कवरेज का लक्ष्य दिया है। Vaishnaw ने बताया था, "बहुत से देशों में 40-50 प्रतिशत कवरेज तक पहुंचने में वर्षों कई वर्ष लगे थे। हम एक आक्रामक समयसीमा का लक्ष्य बना रहे हैं। हमें कम अवधि में कम से कम 80 प्रतिशत कवरेज हासिल करनी चाहिए।"