देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी Reliance Jio इस वर्ष एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकती है। इसके दुनिया की सबसे बड़ी स्टैंडअलोन 5G नेटवर्क कंपनी बनने की उम्मीद है। पिछले वर्ष देश में 5G सर्विसेज की शुरुआत के बाद से रिलायंस जियो तेजी से अपना हाई-स्पीड नेटवर्क बढ़ा रही है।
कंपनी के प्रेसिडेंट Mathew Oommen ने कहा कि भारत को समग्र ग्रोथ की जरूरत है और जियो इसमें योगदान देना जारी रखेगी। उन्होंने बताया, "इस वर्ष की दूसरी छमाही में जियो दुनिया में सबसे बड़ी स्टैंडअलोन 5G नेटवर्क ऑपरेटर बन जाएगी।" जियो का फोकस 5G स्टैंडअलोन नेटवर्क को लॉन्च करने पर है, जबकि दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी
Bharti Airtel का जोर 5G नॉन-स्टैंडअलोन नेटवर्क पर है, जिसमें 5G और 4G सर्विसेज का मिक्स उपलब्ध कराया जा सकता है। भारती एयरटेल के चेयरमैन Sunil Mittal ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि इस वर्ष मोबाइल कॉल और डेटा रेट्स में बढ़ोतरी की जाएगी। उनका कहना था कि टेलीकॉम बिजनेस में इनवेस्टमेंट पर रिटर्न बहुत कम है।
रिलायंस जियो ने पिछले महीने अपने हाई-स्पीड 5G नेटवर्क का दायरा 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 20 शहरों में बढ़ाने की घोषणा की थी। इसके साथ ही कंपनी की 5G सर्विसेज 277 शहरों में उपलब्ध हो गई हैं। टेलीकॉम कंपनियों ने पिछले वर्ष अक्टूबर से इन सर्विसेज की शुरुआत की थी। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा था, "हमें 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 20 शहरों में 5G सर्विसेज की शुरुआत कर गर्व है।" उनका कहना था कि ये शहर पर्यटन, व्यापार और शिक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं।
केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष अगस्त में टेलीकॉम कंपनियों को स्पेक्ट्रम एलोकेशन लेटर जारी किए थे और उनसे देश में 5G सर्विसेज को लॉन्च करने की तैयारी करने के लिए कहा था। टेलीकॉम डिपार्टमेंट को 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये की बिड्स मिली थी। भारती एयरटेल और
रिलायंस जियो ने अगले वर्ष मार्च तक 15 करोड़ तक मोबाइल फोन यूजर्स के 5G में कन्वर्ट होने का टारगेट रखा है। अगले फाइनेंशियल ईयर में ये कंपनियां 1.5 लाख करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट कर सकती हैं। रिलायंस जियो को स्पेक्ट्रम के लिए 87,946 करोड़ रुपये का 20 वर्ष की अवधि में भुगतान करना है।