देश में हाई-स्पीड 5G टेलीकॉम सर्विसेज का दायरा बढ़ रहा है। टेलीकॉम सेक्टर की दो बड़ी कंपनियों Bharti Airtel और Reliance Jio ने अगले वर्ष मार्च तक 15 करोड़ तक मोबाइल फोन यूजर्स के 5G में कन्वर्ट होने का टारगेट रखा है। ये दोनों कंपनियां अपनी 5G कवरेज को बढ़ा रही हैं। इस हाई-स्पीड सर्विस के लिए टैरिफ में भी बढ़ोतरी की जा सकती है।
टेलीकॉम इंडस्ट्री से जुड़े एग्जिक्यूटिव्स और एनालिस्ट्स का कहना है कि अगला फाइनेंशियल ईयर टेलीकॉम कंपनियों के लिए एक बड़ा बदलाव लाएगा। ये कंपनियां अपनी 5G सर्विस का दायरा बढ़ाने के साथ ही अपने नेटवर्क को बेहतर बनाने पर भी फोकस करेंगी। अगले फाइनेंशियल ईयर में ये कंपनियां 1.5 लाख करोड़ रुपये का
इनवेस्टमेंट कर सकती हैं। कर्ज के बोझ से दबे इस सेक्टर से पिछले तीन वर्षों में कुछ कंपनियां बाहर हुई हैं। पिछले वर्ष के अंत में टेलीकॉम सेक्रेटरी K Rajaraman ने कहा था, "5G के कारण यह वर्ष रोमांचक रहा है। यह एक बड़ा कदम है। हम अगले वर्ष 5G के तेजी से विस्तार की उम्मीद कर रहे हैं।" उन्होंने बताया था कि टेलीकॉम ऑपरेटर्स के ऑपरेशंस की कॉस्ट घटाने के लिए सरकार उपाय करना जारी रखेगी। इससे इन कंपनियों के लिए मार्जिन बढ़ेगा, जो कर्ज के बोझ से दबी हैं।
रिलायंस जियो को स्पेक्ट्रम के लिए 87,946 करोड़ रुपये का 20 वर्ष की अवधि में भुगतान करना है। कंपनी इस वर्ष कैपिटल एक्सपेंडिचर पर बड़ा खर्च करने की योजना बना रही है। भारती एयरटेल की 5G नेटवर्क पर लगभग 28,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। कंपनी अपनी सर्विसेज का दायरा तेजी से बढ़ा रही है।
इस वर्ष 5G स्मार्टफोन की शिपमेंट्स 4G हैंडसेट्स को पीछे छोड़ देंगी। टेलीकॉम कंपनियों के तेजी से 5G नेटवर्क लॉन्च करने और कम प्राइस वाले हैंडसेट्स की बिक्री में बढ़ोतरी इसके पीछे बड़े कारण होंगे। 5G सर्विसेज से इस वर्ष स्मार्टफोन की डिमांड बढ़ सकती है। देश में 5G की डेटा स्पीड 4G से लगभग 10 गुना तेज होने की संभावना है। कम प्राइस वाली कैटेगरी में 5G स्मार्टफोन्स की हिस्सेदारी के इस वर्ष बढ़कर 30 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है। देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो इंटरनेट सर्च इंजन Google को चलाने वाली अमेरिकी कंपनी Alphabet के साथ एक बजट 5G स्मार्टफोन लॉन्च करने की तैयारी कर रही है।