देश के सबसे बड़े औद्योगिक समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने 40,000 से ज्यादा कर्मचारियों से एयरटेल एवं वोडाफोन जैसी मौजूदा दूरसंचार कंपनियों की सेवा का उपयोग बंद करने और अपने नंबर को 4जी सेवा वाली रिलायंस जियो पर पोर्ट करने के लिए कहा है।
इस कदम से रिलायंस जियो और मौजूदा दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों के बीच नई तकरार शुरू हो जाएगी जो पहले से ही जियो के प्रारंभिक परीक्षण के कारण आमने-सामने हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के मानव संसाधन विभाग ने अपने सभी कर्मियों को लिखा है, ‘‘उत्कृष्टता की ओर एक और कदम बढ़ाते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है। हम अपने सारे कॉरपोरेट कनेक्शनों को जियो पर स्थानांतरित कर रहे हैं।’’
कंपनी ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वह अपने मौजूदा नंबर को जियो पर स्थानांतरित करने के लिए एमएनपी (मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी) सेवा का प्रयोग करें और उन्हें इस प्रक्रिया के हर कदम के बारे में बताया गया है।
एमएनपी से दूरसंचार उपभोक्ता को अपना मोबाइल नंबर बरकरार रखते हुए दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी बदलने की सुविधा मिलती है और इस पूरी प्रक्रिया में सात दिन का समय लगता है।
कंपनी अब तक अपने सभी कर्मचारियों के लिये एयरटेल और वोडाफोन जैसे प्रमुख दूरसंचार प्रदाताओं के विभिन्न प्लान लेती रही है।
रिलायंस जियो ने पिछले साल दिसंबर में अपनी सेवा की टेस्टिंग शुरू की थी लेकिन अभी तक कंपनी की सेवा शुरू करने की तिथि घोषित नहीं की गई है। जियो के सिम शुरू में केवल उसके कर्मचारियों के लिये उपलब्ध थे लेकिन बाद में इसे रिलायंस के खुद के लाइफ ब्रांडेड स्मार्टफोन के साथ मिलाकर उपलब्ध कराया गया।
अब कोई भी सैमसंग और एलजी स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाला ग्राहक रिलायंस डिजिटल स्टोर में जाकर रिलायंस जियो का सिम ले सकता है। रिलायंस जियो के 15 लाख ग्राहक हैं।
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