• होम
  • टेलीकॉम
  • ख़बरें
  • हाई स्पीड डेटा सर्विसेज के लिए टेलीकॉम कंपनियों ने सरकार से मांगा स्पेक्ट्रम

हाई-स्पीड डेटा सर्विसेज के लिए टेलीकॉम कंपनियों ने सरकार से मांगा स्पेक्ट्रम

इस बारे में सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोशिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट को पत्र लिखा है

हाई-स्पीड डेटा सर्विसेज के लिए टेलीकॉम कंपनियों ने सरकार से मांगा स्पेक्ट्रम

भारत में 50 करोड़ से अधिक इंटरनेट यूजर्स हैं

ख़ास बातें
  • यह मांग करने वालों में Reliance Jio और Airtel शामिल हैं
  • देश में पिछले वर्ष 5G सर्विसेज शुरू हुई थी
  • टेलीकॉम कंपनियां अपने 5G नेटवर्क को तेजी से बढ़ा रही हैं
विज्ञापन
टेलीकॉम कंपनियों ने 50-100 mbps तक की रेंज में हाई-स्पीड डेटा सर्विसेज देने के लिए केंद्र सरकार से 6 GHz बैंड की मीडियम फ्रीक्वेंसी रेंज में उपलब्ध स्पेक्ट्रम को मोबाइल टेलीकॉम सेगमेंट के लिए रखने की मांग की है। यह मांग करने वालों में Reliance Jio और Airtel शामिल हैं। 

इस बारे में सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोशिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट को पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स को मीडियम बैंड स्पेक्ट्रम में 2 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी औ 6 Ghz बैंड में उपलब्ध 1,200 मेगाहर्ट्ज की फ्रीक्वेंसी की जरूरत है। पत्र में कहा गया है, "लाइसेंस्ड 6 Ghz कमर्शियल सफलता और 5G NR, 5.5 G और 6G के लिए बेहतर है। अधिक जनसंख्या वाले शहरों में डाउनलिंक के लिए 100 Mbit प्रति सेकेंड और अपलिंक के लिए 50 Mbit प्रति सेकेंड की डेटा स्पीड के लिए मिड-बैंड स्पेक्ट्रम में अतिरिक्त 2 Ghz स्पेक्ट्रम की जरूरत होगी।" सरकार ने 6 Ghz बैंड को मोबाइल, फिक्स्ड वायरलेस (वाई फाई) और फिक्स्ड सैटेलाइट सर्विसेज के लिए अलग रखा है। 

पत्र में बताया गया है कि सरकार C बैंड (3,670-4000 Ghz) में स्पेक्ट्रम को ब्रॉडकास्टर्स या सैटेलाइट यूजर्स से 5G और 6G के इस्तेमाल के लिए खाली करा सकती है। हालांकि, यह स्पेक्ट्रम भी पर्याप्त नहीं होगा। इस वजह से 6 Ghz में उपलब्ध 1,200 MHz को मोबाइल टेलीकॉम सेगमेंट के लिए रिजर्व करना जरूरी है। 

रिलायंस जियो ने अपने हाई-स्पीड 5G टेलीकॉम नेटवर्क को तेजी से बढ़ाने के लिए लगभग एक लाख टेलीकॉम टावर इंस्टॉल किए हैं। यह संख्या कंपनी के सबसे निकट के राइवल से लगभग पांच गुना अधिक है। देश में पिछले वर्ष 5G सर्विसेज की शुरुआत हुई थी। रिलायंस जियो ने 99,897 बेस ट्रांसरिसीवर स्टेशन (BTS) इंस्टॉल किए हैं। यह कंपनी के पास मौजूद दो फ्रीक्वेंसी (700 MHz और 3,500 MHz) में लगाए गए हैं। इसकी तुलना में Bharti Airtel के BTS की संख्या 22,129 है। जियो के पास प्रत्येक बेस स्टेशन के लिए तीन सेल साइट्स हैं, जबकि एयरटेल के लिए यह संख्या दो है। अधिक टावर्स और सेल साइट्स का मतलब तेज स्पीड है। भारत में 50 करोड़ से अधिक इंटरनेट यूजर्स हैं और यह चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑनलाइन मार्केट है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Netflix के प्लान हुए महंगे, इन देशों में यूजर्स को चुकाने होंगे ज्यादा पैसे
  2. Infinix Smart 9 HD लाइव शॉट हुए लीक, जल्द भारत में होगा लॉन्च
  3. iQOO 14 Pro पर चल रहा काम, Samsung OLED डिस्प्ले के साथ देगा दस्तक!
  4. IND vs ENG T20I Live: भारत-इंग्लैंड के बीच आज पहले T20I मैच में होगा घमासान! यहां देखें फ्री!
  5. TCL K7G Plus स्मार्ट डोर लॉक लॉन्च, 3D फेशियल रिकग्निशन के साथ 5-6 महीने चलेगी बैटरी
  6. Nothing Phone (3) का दिखा टीजर, स्पेशल एडिशन के साथ होगा लॉन्च!
  7. iPhone 17 सीरीज में बदल जाएगा फोन का डिजाइन! तस्वीरें लीक
  8. MicroStrategy ने बढ़ाई बिटकॉइन की होल्डिंग, 1 अरब डॉलर से ज्यादा का किया इनवेस्टमेंट 
  9. महाकुंभ में परिवहन के लिए इस्तेमाल होंगे ओला इलेक्ट्रिक के 1,000 इलेक्ट्रिक स्कूटर्स
  10. बेहद पतला होने के बाद भी Oppo Find N5 फोल्डेबल फोन में मिलेगा वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट, कंपनी ने शेयर किया वीडियो
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »