टेलीकॉम फ्रॉड से बचाने के लिए लॉन्च हुआ Sanchar Saathi ऐप

इससे यूजर्स को टेलीकॉम फ्रॉड से निपटने और मोबाइल पर अपनी इनफॉर्मेशन की सिक्योरिटी को बढ़ाने के लिए टूल्स उपलब्ध होंगे

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 17 जनवरी 2025 19:54 IST
ख़ास बातें
  • यह ऐप Android और iOS दोनों प्लेटफॉर्म्स के लिए उपलब्ध है
  • इसके जरिए चोरी या गुम हुए मोबाइल को ब्लॉक भी किया जा सकेगा
  • संचार साथी ऐप का उद्देश्य टेलीकॉम सिक्योरिटी को बढ़ाना है

इसके जरिए चोरी या गुम हुए मोबाइल को ब्लॉक भी किया जा सकेगा

पिछले कुछ वर्षों में मोबाइल के जरिए फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कुछ उपाय भी किए गए हैं। इसी कड़ी में टेलीकॉम सिक्योरिटी को बढ़ाने और फ्रॉड से बचाने के लिए 'Sanchar Saathi' ऐप लॉन्च किया गया है। इसके जरिए चोरी या गुम हुए मोबाइल को ब्लॉक भी किया जा सकेगा। 

कम्युनिकेशंस मिनिस्टर Jyotiraditya Scindia ने बताया कि संचार साथी मोबाइल ऐप का उद्देश्य टेलीकॉम सिक्योरिटी को बढ़ाना और नागरिकों को सशक्त बनाना है। यह ऐप Android और iOS दोनों प्लेटफॉर्म्स के लिए उपलब्ध है। इससे यूजर्स को टेलीकॉम फ्रॉड से निपटने और मोबाइल पर अपनी इनफॉर्मेशन की सिक्योरिटी को बढ़ाने के लिए टूल्स उपलब्ध होंगे। 

इस ऐप के चक्षु फीचर के जरिए संदिग्ध या फ्रॉड कॉल्स और SMS की रिपोर्ट सीधे मोबाइल लॉग से दी जा सकेगी। इस ऐप पर यह भी पता लगाया जा सकेगा कि यूजर के नाम पर कितने मोबाइल कनेक्शंस जारी किए गए हैं। इसके जरिए गुम या चोरी हुए मोबाइल को ब्लॉक, ट्रेस और रिकवर किया जा सकेगा। संचार साथी ऐप पर हैंडसेट के असली होने की भी पुष्टि की जा सकती है। हाल ही में टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने 85 लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शंस काट दिए थे। इनमें 78 लाख से अधिक ऐसे मोबाइल कनेक्शंस थे जो जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर लिए गए थे। इसके अलावा छह लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शंस सायबरक्राइम से जुड़े थे। 

इससे पहले DoT ने टेलीकॉम सेक्टर में सिक्योरिटी को बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर बेस्ड एक टूल को लागू किया था। इस टूल पर किए गए एनालिसिस के बाद ये मोबाइल कनेक्शंस काटे गए थे। मोबाइल कनेक्शंस जारी करने के लिए नो युअर कस्टमर (KYC) फ्रेमवर्क को भी DoT ने मजबूत किया है और टेलीकॉम कंपनियों के लिए इस बारे में नई गाइडलाइंस पेश की गई हैं। इन गाइडलाइंस के तहत, टेलीकॉम कंपनियों को सभी प्वाइंट ऑफ सेल (PoS) का कड़ा वेरिफिकेशन करना होगा। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) का मैसेज ट्रेसेबिलिटी कहा जाने वाला नया रूल भी लागू हो गया है। इस रूल से स्पैम मैसेज को घटाने में सहायता मिलेगी। नए सिस्टम में मैसेज भेजने वाले व्यक्ति से लेकर इसकी डिलीवरी तक को ट्रैक किया जा सकेगा। 
 
 

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Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

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