सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) का दुसरी तिमाही में नेट लॉस इससे पिछली तिमाही की तुलना में बढ़कर लगभग 1,482 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी का अप्रैल-जून तिमाही में लॉस लगभग 1,470 करोड़ रुपये का था। हालांकि, वर्ष-दर-वर्ष आधार पर BSNL का लॉस घटा है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इसका लॉस 2,033 करोड़ रुपये का था।
एक मीडिया
रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी का तिमाही-दर-तिमाही आधार पर लॉस बढ़ने के पीछे विज्ञापन और मार्केटिंग पर खर्च में बढ़ोतरी, अन्य टेलीकॉम कंपनियों को इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज का भुगतान, डूबे हुए कर्ज को राइट-ऑफ करने और खर्च बढ़ने जैसे कारण हो सकते हैं। BSNL का ऑपरेशंस से रेवेन्यू तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 5.1 प्रतिशत घटकर 4,071 करोड़ रुपये रहा। हालांकि, सितंबर में समाप्त हुई छमाही में कंपनी का रेवेन्यू कुछ बढ़कर लगभग 8,360 करोड़ रुपये रहा। दूसरी तिमाही में कंपनी के 32 सर्कल में से 13 का रेवेन्यू कम हुआ है।
BSNL के चेयरमैन, P K Purwar ने सभी सर्कल के हेड को एक पत्र भेजकर वर्ष की बाकी की अवधि में प्रदर्शन को सुधारने के लिए कहा है। इसके अलावा कमजोर प्रदर्शन करने वाले सर्कल्स को एक विस्तृत योजना बनाने का निर्देश दिया गया है। हाल ही में कंपनी ने 4G सर्विसेज की शुरुआत की थी। अगले वर्ष जून तक इन सर्विसेज को पूरे देश में पहुंचाने की योजना है। इसके बाद
BSNL के नेटवर्क को 5G पर अपग्रेड किया जाएगा।
देश में पिछले वर्ष 5G सर्विसेज शुरू की गई थी। प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने तेजी से अपने 5G नेटवर्क का दायरा बढ़ाया है। BSNL को प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों से मुकाबला करने में मुश्किल हो रही है। केंद्र सरकार ने BSNL को 4G और 5G सर्विसेज शुरू करने के लिए कुछ महीने पहले 89,000 करोड़ रुपये का रिवाइवल पैकेज दिया था। इस बारे में मंत्रिमंडल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था, "इस पैकेज के साथ BSNL एक मजबूत टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर आगे बढ़ेगी और देश के दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने पर फोकस करेगी।" कंपनी का पिछले वित्त वर्ष में लॉस बढ़कर 8,161 करोड़ रुपये का था। यह इससे पिछले वित्त वर्ष में 6,982 करोड़ रुपये का था। कंपनी का लॉस बढ़ने का प्रमुख कारण सरकार को चुकाए जाने वाले एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के लिए प्रोविजन करना था।