BSNL की बढ़ी मुश्किल, सब्सक्राइबर्स की संख्या जल्द हो सकती है 10 करोड़ से कम

कंपनी के पास इस वर्ष जनवरी में लगभग 10.41 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर्स थे। यह संख्या अप्रैल में घटकर लगभग 10.28 करोड़ सब्सक्राइबर्स की रह गई

BSNL की बढ़ी मुश्किल, सब्सक्राइबर्स की संख्या जल्द हो सकती है 10 करोड़ से कम

पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का लॉस बढ़कर 8,161 करोड़ रुपये हो गया था

ख़ास बातें
  • इसके सब्सक्राइबर्स की संख्या लगातार घट रही है
  • देश में पिछले वर्ष 5G सर्विसेज शुरू की गई थी
  • प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियां तेजी से अपने 5G नेटवर्क का दायरा बढ़ा रही हैं
विज्ञापन
पिछले कई वर्षों से घाटे से जूझ रही सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) की मुश्किलें बढ़ रही हैं। इसके सब्सक्राइबर्स की संख्या लगातार घट रही है। कंपनी के पास इस वर्ष जनवरी में लगभग 10.41 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर्स थे और यह संख्या अप्रैल में घटकर लगभग 10.28 करोड़ सब्सक्राइबर्स की रह गई। 

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के डेटा के अनुसार, BSNL के पास तमिलनाडु में सबसे अधिक 98,99,833 सब्सक्राइबर्स हैं। इसके बाद केरल (97,67,943 सब्सक्राइबर्स) और उत्तर प्रदेश पूर्व (86,52,063 सब्सक्राइबर्स) हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कभी BSNL का दबदबा होता था लेकिन इन क्षेत्रों में भी इसके सब्सक्राइबर्स की संख्या में कमी हो रही है। इसके पास जनवरी में ग्रामीण क्षेत्रों में 33,26,909 सब्सक्राइबर्स थे, जो अप्रैल में घटकर 32,16,139 रह गए। देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी Reliance Jio के साथ ही Bharti Airtel ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में अपना नेटवर्क बढ़ाया है। इससे इन क्षेत्रों में इन कंपनियों के सब्सक्राइबर्स बढ़े हैं। 

हाल ही में केंद्र सरकार ने BSNL को 4G और 5G सर्विसेज शुरू करने के लिए 89,000 करोड़ रुपये के रिवाइवल पैकेज की स्वीकृति दी थी। मंत्रिमंडल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था, "इस पैकेज के साथ BSNL एक मजबूत टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर आगे बढ़ेगी और देश के दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने पर फोकस करेगी।" यह पिछले 12 वर्षों से घाटे में है। देश में पिछले वर्ष 5G सर्विसेज शुरू की गई थी। प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियां तेजी से अपने 5G नेटवर्क का दायरा बढ़ा रही हैं। इन कंपनियों से BSNL को कड़ी चुनौती मिल रही है। 

BSNL का पिछले वित्त वर्ष में लॉस बढ़कर 8,161 करोड़ रुपये हो गया था। यह इससे पिछले वित्त वर्ष में 6,982 करोड़ रुपये का था। कंपनी का लॉस बढ़ने का बड़ा कारण सरकार को चुकाए जाने वाले एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के लिए प्रोविजन करना था पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने AGR की बकाया रकम के लिए 17,688 करोड़ रुपये का प्रोविजन किया और इसे 16,189 करोड़ रुपये की वायबिलिटी गैप फंडिंग मिली है। इस वजह से कंपनी ने 1,499 करोड़ रुपये का असाधारण लॉस दिखाया है और इससे इसके कुल लॉस में बढ़ोतरी हुई है। कंपनी ने लगभग 1.23 लाख साइट्स पर 4G नेटवर्क शुरू करने के लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और ITI लिमिटेड को 19,000 करोड़ रुपये से अधिक का ऑर्डर दिया है। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Sony ने की 20 अरब इमेज सेंसर्स की बिक्री, स्मार्टफोन कैमरा ने बढ़ाई डिमांड
  2. रोबोट समझेंगे आपके जज्बात! इस नई तकनीक से वैज्ञानिक कर रहे दावा
  3. 64MP कैमरा, 6050mAh बैटरी जैसे तगड़े फीचर्स वाला रग्ड फोन Ulefone Armor X31 Pro लॉन्च, जानें कीमत
  4. 16GB रैम, 6400mAh बैटरी वाले OnePlus Ace 5, Ace 5 Pro फोन के फुल स्पेसिफिकेशन लॉन्च से पहले लीक!
  5. BSNL लॉन्च करेगी eSIM, अगले वर्ष जून तक पूरे देश में होगा 4G नेटवर्क
  6. 'HR करेंगे बात ...' Ola सीईओ भाविश अग्रवाल का यह ईमेल सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल, जानें वजह
  7. Realme 14x 5G vs Poco M7 Pro 5G: Rs 15 हजार में कौन सा है दमदार स्मार्टफोन? जानें
  8. WhatsApp New Year Stickers: नए साल 2025 के लिए Whatsapp में आए खास फीचर्स, ऐसे करें इस्तेमाल
  9. Maruti Suzuki की 500 Km रेंज वाली e Vitara इलेक्ट्रिक SUV का भारत में लॉन्च कंफर्म! जानें क्या होगा खास?
  10. गलती से iPhone मंदिर की दानपेटी में गिरा, वापस मांगा तो प्रशासन बोला- 'नहीं मिलेगा, अब यह भगवान का ...'
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »