• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • स्‍टडी में दावा टोंगा के समुद्र में फटा ज्‍वालामुखी था 140 साल का सबसे बड़ा विस्‍फोट

स्‍टडी में दावा- टोंगा के समुद्र में फटा ज्‍वालामुखी था 140 साल का सबसे बड़ा विस्‍फोट

इन शॉक वेव्‍स की वजह से 10 हजार किलोमीटर दूर अमेरिका के राज्य अलास्का में भी लोगों ने पानी में शोर और उछाल आने की जानकारी दी थी।

स्‍टडी में दावा- टोंगा के समुद्र में फटा ज्‍वालामुखी था 140 साल का सबसे बड़ा विस्‍फोट

दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित देश टोंगा में इस साल की शुरुआत में एक ज्‍वालामुखी फट गया था।

ख़ास बातें
  • दो नई स्‍टडीज से पता चला है कि यह पिछले 140 साल में सबसे बड़ा विस्फोट है
  • 15 जनवरी की इस घटना ने बड़ी संख्‍या में वायुमंडलीय तरंगों को पैदा किया
  • इस प्रेशर न सिर्फ वातावरण में परेशानी पैदा की, बल्कि समुद्र भी हिला दिया
विज्ञापन
दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित देश टोंगा (Tonga) में इस साल की शुरुआत में एक ज्‍वालामुखी (volcano) फट गया था। यह ज्‍वालामुखी समुद्र के नीचे फटा था, जिसने बड़े स्‍तर पर दबाव वाली लहरें या शॉक वेव्‍स पैदा कीं, जिनमें से कुछ पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरीं। इन शॉक वेव्‍स की वजह से 10 हजार किलोमीटर दूर अमेरिका के राज्य अलास्का में भी लोगों ने पानी में शोर और उछाल आने की जानकारी दी। अब दो नई स्‍टडीज से पता चला है कि यह पिछले 140 साल में सबसे बड़ा विस्फोट है। टोंगा की घटना की तुलना 1883 में इंडोनेशिया में हुए क्राकाटाऊ विस्फोट से की गई है। उस उस भयावह घटना में 30 हजार से ज्‍यादा लोग मारे गए थे।

बताया जाता है कि सीमाउंट में कई हफ्तों की एक्टिविटीज के बाद यह विस्‍फोट हुआ। न्‍यूक्‍लियर टेस्‍ट बैन ट्रीटी (CTBT) का पालन करने के लिए लगाए गए डिटेक्‍टरों ने इस विस्‍फोट से हुए सिग्‍नलों को नोट‍िस किया। बताया जाता है कि इससे जो ऊर्जा निकली थी, वह 100 हिरोशिमा बमों के स्केल के बराबर थी।  

टोंगा में जब पानी के नीचे ज्वालामुखी फटा, तो उसने हमारे वायुमंडल की तीसरी लेयर मेसोस्फीयर से टकराने के लिए गैस और पार्टिकल्‍स के एक ग्रुप को रिलीज किया। यह अबतक दर्ज किया गया सबसे बड़ा ज्वालामुखीय प्लम सैटेलाइट था।

जर्नल साइंस में प्रकाशित अपनी स्‍टडी में रिसर्चर्स के पहले ग्रुप ने खुलासा किया है कि 15 जनवरी की इस घटना ने बड़ी संख्‍या में वायुमंडलीय तरंगों को पैदा किया। टोंगा ज्वालामुखी से जो प्रेशर निकला वह, साल 1883 के क्राकाटाऊ विस्फोट के बराबर था। यह 1980 के माउंट सेंट हेलेंस विस्फोट से भी ज्‍यादा था। दूसरी स्‍टडी में कहा गया है कि इस प्रेशर न सिर्फ हमारे वातावरण में परेशानी पैदा की, बल्कि समुद्र को भी हिला दिया। 

पानी के अंदर ज्वालामुखी फटने का शोर अलास्का तक सुना गया था। इस विस्फोट से उफनाए समुद्री तूफान ने जापान और अमेरिका के तटीय इलाकों में बाढ़ के हालात पैदा कर दिए थे। पेरू में दो लोगों की मौत हो गई थी। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के तटीय इलाकों से भी नुकसान की खबरें आई थीं। बताया जाता है कि ज्वालामुखी में हुए विस्फोट के बाद 22 किलोमीटर ऊपर तक राख और धुएं का गुबार देखा गया था। ज्‍वालामुखी विस्‍फोट से जो मलबा निकला, वो समुद्र में समा गया। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Tata Curvv EV vs Mahindra BE 6: जानें 20 लाख रुपये में कौन सी ईवी है बेस्ट
  2. iPhone न खरीदें ऐसे यूजर्स! ये रहे 3 बड़े कारण
  3. WhatsApp पर लाइव लोकेशन को अपने मुताबिक ऐसे बदलें!
  4. जमीन खरीदने से पहले ऐसे चेक करें बेचने वाला उसका मालिक है या नहीं, ये है स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस
  5. Instagram का यह फीचर होने जा रहा बंद, पोस्ट और रील में नहीं कर पाएंगे इस्तेमाल
  6. Airtel ने Rs 509 से शुरू होने वाले नए कॉलिंग, SMS प्लान किए पेश
  7. BSNL को 4G में देरी से हो रहा रेवेन्यू का नुकसान, सरकार ने दी जानकारी
  8. भारत में 5G यूजर्स की संख्या 25 करोड़ के पार! 2 लाख से ज्यादा गांवों में पहुंचा ब्रॉडबैंड
  9. Samsung का मजबूत फोन Galaxy XCover 7 Pro 6GB रैम, Snapdragon चिप से होगा लैस! फीचर्स का खुलासा
  10. Xgimi लाई 70 इंच की पोर्टेबल स्क्रीन, आउटडोर में देगी सिनेमा जैसा मजा! जानें कीमत
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »