जब भी ग्रहों पर मिशन लॉन्च करने की बात होती है, तो ज्यादातर स्पेस एजेंसियां और साइंटिस्ट मंगल ग्रह की ओर देखते हैं। हालांकि कई वैज्ञानिक आज भी शुक्र ग्रह की वकालत करते हैं। उनका मानना है कि पहला ह्यूमन मिशन शुक्र ग्रह के लिए लॉन्च होना चाहिए। शुक्र ग्रह को पृथ्वी का जुड़वां भी कहा जाता है। हालांकि वहां जीवन मुमकिन नहीं है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (Nasa) के अनुसार, आकार और घनत्व में शुक्र लगभग पृथ्वी के समान है लेकिन उसका वातावरण कार्बन डाइऑक्साइड से भरा है। शुक्र पर बनने वाले बादलों में सल्फ्यूरिक एसिड होता है, जो जहरीले एसिड की बारिश करते हैं। इसके बावजूद कई विशेषज्ञ दूसरे ग्रहों पर वैज्ञानिक मिशन भेजने के मामले में सबसे आगे शुक्र ग्रह को रखते हैं।
द गार्जियन के
अनुसार, पिछले हफ्ते पेरिस में इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल कांग्रेस (IAC) में प्रस्तुत एक रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने मंगल के बजाए शुक्र ग्रह के लिए एक मिशन लॉन्च करने का आह्वान किया है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के डॉ नोम इजेनबर्ग और ‘वीनस फ्लाईबी' के समर्थकों का कहना है कि शुक्र ग्रह को हमेशा ही अनदेखा किया जाता है, क्योंकि वहां का वातावरण बेहद कठिन है।
विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में नासा, चंद्रमा से मंगल ग्रह के रास्ते को आदर्श मानकर चल रही है, जबकि हम उसी रूट पर एक लक्ष्य शुक्र ग्रह के लिए भी बना रहे हैं। इजेनबर्ग ने साल 2020 में भी वीनस मिशन की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि वीनस के लिए एक क्रू मिशन मंगल की यात्रा के दौरान हो सकता है।
ध्यान देने वाली बात है कि ना सिर्फ सरकारी अंतरिक्ष एजेंसियां, बल्कि प्राइवेट अंतरिक्ष कंपनियां भी अन्य ग्रहों पर जीवन के संकेतों की खोज में जुटी हैं। रॉकेट लैब (Rocket Lab) नाम की एक प्राइवेट अंतरिक्ष कंपनी, अगले साल शुक्र पर अपना अंतरिक्ष यान भेजने की तैयारी कर रही है। वैसे अबतक शुक्र ग्रह पर 30 से अधिक मिशन लॉन्च किए जा चुके हैं, लेकिन पहली बार कोई प्राइवेट कंपनी वहां अपना मिशन भेज रही है।
साल 2020 में वेल्स स्थित कार्डिफ यूनिवर्सिटी Cardiff University के रिसर्चर्स ने शुक्र के वातावरण में फॉस्फीन phosphine के स्रोतों की
खोज करके हलचल मचा दी थी। उन्होंने दावा किया था कि पृथ्वी पर कार्बनिक पदार्थों के टूटने से स्वाभाविक रूप से पैदा होने वाली इस गैस का शुक्र पर मिलना वहां जीवन का संकेत हो सकता है। हालांकि एक नए विश्लेषण में इन
दावों को खारिज कर दिया गया था।