सूर्य में 7 साल का सबसे बड़ा विस्‍फोट, 6 अक्‍टूबर को धरती पर आ रही ‘आफत’

Solar Flare : इस सप्‍ताह की शुरुआत में एक पावरफुल विस्‍फोट के बाद सूर्य ने फ‍िर से शक्तिशाली सोलर फ्लेयर को रिलीज किया है।

सूर्य में 7 साल का सबसे बड़ा विस्‍फोट, 6 अक्‍टूबर को धरती पर आ रही ‘आफत’

Photo Credit: Nasa/SDO

जो CME पृथ्‍वी की ओर निकला है, वह संभवत: 6 अक्टूबर को पृथ्वी से टकराएगा।

ख़ास बातें
  • सूर्य में हो रहे विस्‍फोट अपने पीक पर
  • एक्‍स9 तीव्रता का सोलर फ्लेयर हुआ रिलीज
  • यह 7 साल में सूर्य में सबसे बड़ा विस्‍फोट है
विज्ञापन
ऐसा लगता है कि सूर्य में हो रहे विस्‍फोट अपने पीक पर पहुंच गए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, इस सप्‍ताह की शुरुआत में एक पावरफुल विस्‍फोट के बाद सूर्य ने फ‍िर से शक्तिशाली सोलर फ्लेयर (Solar Flare) को रिलीज किया है। यह बीते 7 साल में सूर्य से निकला सबसे ताकतवर फ्लेयर है। दोनों विस्‍फोटों के कारण पृथ्‍वी पर एक कोरोनल मास इजेक्‍शन (CME) आ रहा है, जिसकी वजह से आसमान में ऑरोरा (Aurora) नजर आ सकते हैं। लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, लेटेस्‍ट सोलर फ्लेयर एक्‍स-क्‍लास (X class) कैटिगरी का था। गुरुवार को सनस्पॉट AR3842 से यह रिलीज हुआ। इसे X9 तीव्रता का आंका गया है, जो बीते 7 साल में सबसे ज्‍यादा है। 

इससे पहले साल 2017 में सूर्य से X11.8 और X13.3 तीव्रता के सोलर फ्लेयर रिलीज हुए थे। गुरुवार को निकले फ्लेयर के कारण पृथ्‍वी की ओर रेडिएशन बढ़ा है। इसकी वजह से अफ्रीका और दक्षिण अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों के ऊपर एक अस्थायी रेडियो ब्लैकआउट हो गया। अनुमान है कि जो CME पृथ्‍वी की ओर निकला है, वह संभवत: 6 अक्टूबर को पृथ्वी से टकराएगा।
 

What is Solar Flare 

जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्‍स से सौर फ्लेयर्स बनते हैं। हमारे सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे पावरफुल विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है। इनमें मौजूद पार्टिकल्‍स, प्रकाश की गति से अपना सफर तय करते हैं। 
 

What is CME (कोरोनल मास इजेक्शन) 

कोरोनल मास इजेक्शन या CME, सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। सौर विस्फोट के बाद ये बादल अंतरिक्ष में सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड में फैल जाते हैं। अंतरिक्ष में घूमने की वजह से इनका विस्‍तार होता है और अक्‍सर यह कई लाख मील की दूरी तक पहुंच जाते हैं। कई बार तो यह ग्रहों के मैग्‍नेटिक फील्‍ड से टकरा जाते हैं। जब इनकी दिशा की पृथ्‍वी की ओर होती है, तो यह जियो मैग्‍नेटिक यानी भू-चुंबकीय गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। इनकी वजह से सैटेलाइट्स में शॉर्ट सर्किट हो सकता है और पावर ग्रिड पर असर पड़ सकता है। इनका असर ज्‍यादा होने पर ये पृथ्‍वी की कक्षा में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरे में डाल सकते हैं।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Google Search में AI मोड भारत में हुआ शुरू, जानें कैसे करें उपयोग
  2. Flipkart Freedom Sale: 7 हजार रुपये सस्ता मिल रहा Google का पिक्सल फोन
  3. Lava Blaze AMOLED 2 5G vs iQOO Z10 Lite 5G vs Moto G45 5G: 15 हजार में कौन है बेस्ट
  4. घर के बाहर कूड़े का ढेर लगा है या गंदे हैं सार्वजिक शौचालय तो इस सरकारी ऐप पर करें रिपोर्ट, जल्द मिलेगा समाधान
  5. प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों को टक्कर देगी BSNL, सरकार से मिलेंगे 47,000 करोड़ रुपये
  6. Honor X7c 5G अगले सप्ताह होगा भारत में लॉन्च, 5,200mAh की बैटरी
  7. 79th Independence Day: सुबह 7:30 बजे शुरू होगा समारोह, मोबाइल, टीवी, लैपटॉप पर ऐसे देखें LIVE
  8. Xiaomi ने लॉन्च किया अपना पहला AI ट्रैकिंग वाला इंडोर जूम सिक्टयोरिटी कैमरा, जानें कीमत
  9. iQOO 15 में मिल सकता है आगामी Snapdragon 8 Elite 2 चिपसेट, जल्द होगा लॉन्च
  10. रूस ने Telegram और WhatsApp कॉल्स को किया बैन, जानें वजह
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »