सूरज में 2 बड़े धमाके! 4 अक्टूबर को पहुंच रहा सौर तूफान, NASA ने किया अलर्ट

इससे पृथ्वी के नेविगेशन सिस्टम, पावर ग्रिड्स, और सैटेलाइट कम्युनिकेशन को नुकसान हो सकता है।

सूरज में 2 बड़े धमाके! 4 अक्टूबर को पहुंच रहा सौर तूफान, NASA ने किया अलर्ट

सूरज में एक बार फिर से बड़ा धमाका हुआ है जिसने धरती पर सौर तूफान का खतरा पैदा कर दिया है।

ख़ास बातें
  • इसे X7.1 क्लास में वर्गीकृत किया गया है।
  • यह AR3842 नामक सनस्पॉट से उठा है।
  • इसका असर पृथ्वी पर 4 अक्टूबर को दिख सकता है।
विज्ञापन
सूरज में एक बार फिर से बड़ा धमाका हुआ है जिसने धरती पर सौर तूफान का खतरा पैदा कर दिया है। सूर्य की सतह पर कुछ गड्ढे मौजूद हैं जिनमें ज्वालामुखी की तरह विस्फोट होते रहते हैं। इन विस्फोटों से बहुत भारी ऊर्जा पैदा होती है जिसकी लहर सूर्य से निकल कर सौरमंडल की ओर चलने लगती है। इसे सोलर फ्लेयर या सौर तूफान कहा जाता है। सौर तूफानों की घटनाएं अब काफी ज्यादा देखने को मिलने लगी हैं। पृथ्वी पर इनका व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है। अब एक और सौर तूफान का अलर्ट जारी किया गया है। 

अक्टूबर की शुरुआत सूर्य में एक बड़े धमाके के साथ हुई है। अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने एक भयंकर सौर तूफान की सूचना दी है। नासा का कहना है कि सूर्य में लगभग 24 घंटों के भीतर ही दो बड़े विस्फोट हुए हैं जिनके कारण दो सोलर फ्लेयर पैदा हुए हैं। इनमें से एक के लिए कहा गया है कि यह X क्लास सोलर फ्लेयर है जो कि शक्तिशाली सौर तूफान माना जाता है। इसे X7.1 क्लास में वर्गीकृत किया गया है। यह 1 अक्टूबर को 6:20 p.m. (EDT) पर सूर्य से उठा है। 

Spaceweather.com के अनुसार, सूर्य से उठा यह तूफान इसकी 25वीं साइकल के सबसे बड़े सौर तूफानों में से एक है। इससे बड़ा सौर तूफान इससे पहले 14 मई को उठा था जो कि X8.7 क्लास का था। इस तरह के सौर तूफानों से पृथ्वी पर रेडियो फ्रिक्वेंसी पूरी तरह से नष्ट हो सकती है। यह एक धधकते सनस्पॉट से उठा है जिसका नाम AR3842 है। इसी सनस्पॉट में 30 सितंबर को भी एक विस्फोट हुआ था। यानी इसमें एक के बाद एक लगातार 2 धमाके हुए हैं। 

बताए गए सौर तूफान का असर पृथ्वी पर 4 अक्टूबर तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। इस तरह के सौर तूफानों से हाई फ्रिक्वेंसी (HF) रेडियो सिग्नल को नुकसान पहुंचता है। ये पृथ्वी पर व्यापक असर दिखाते हैं। जब ये सौर तूफान पृथ्वी से टकराते हैं तो इसके मेग्नेटिक फील्ड को हिलाकर रख देते हैं। जिससे कि न केवल ऑरोरा बनते हैं, बल्कि यहां के नेविगेशन सिस्टम, पावर ग्रिड्स, और यहां तक कि सैटेलाइट कम्युनिकेशन को भी प्रभावित करते हैं। 

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , Solar flare alert, solar flare latest, NASA
हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. OnePlus Buds 4 India Launch: AI ट्रांसलेशन, गेम मोड वाले TWS ईयरबड्स 8 जुलाई को होंगे लॉन्च
  2. Oppo की Reno 14 5G सीरीज आज होगी लॉन्च, जानें स्पेसिफिकेशंस, अनुमानित प्राइस
  3. 8 जुलाई को लॉन्च हो रहे हैं नए AI+ ब्रांड के Nova 5G और Pulse स्मार्टफोन, जानें इनके बारे में सब कुछ
  4. Oppo Reno 14 5G सीरीज कल होगी लॉन्च, जानें स्पेसिफिकेशंस
  5. Honor ने लॉन्च किया Magic V5, Snapdragon 8 Elite चिपसेट, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  6. टेक्नोलॉजी की दुनिया से आपके लिए आज की 5 महत्वपूर्ण खबरें
  7. Pebble HALO Smart Ring भारत में लॉन्च: इस स्मार्ट अंगूठी में मिलता है डिस्प्ले, जानें कीमत
  8. TVS Motor ने लॉन्च किया iQube इलेक्ट्रिक स्कूटर का नया वेरिएंट, जानें प्राइस, रेंज
  9. इंटरनेट स्पीड में Reliance Jio सबसे आगे, वॉयस में एयरटेल का पहला रैंक
  10. Realme 15 और 15 Pro का भारत में लॉन्च कंफर्म, इनके कैमरा सिस्टम में होगा AI!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »