• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • ऐतिहासिक! दुनिया का पहला 5G सैटेलाइट लॉन्‍च, आपकी डिवाइस पर सीधे अंतरि‍क्ष से आएगा 5G नेटवर्क!

ऐतिहासिक! दुनिया का पहला 5G सैटेलाइट लॉन्‍च, आपकी डिवाइस पर सीधे अंतरि‍क्ष से आएगा 5G नेटवर्क!

5G satellite : ‘द ग्राउंडब्रेकर' को Sateliot नाम की कंपनी ने तैयार किया है। यह 250 लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट्स के ग्रुप में पहला सैटेलाइट है।

ऐतिहासिक! दुनिया का पहला 5G सैटेलाइट लॉन्‍च, आपकी डिवाइस पर सीधे अंतरि‍क्ष से आएगा 5G नेटवर्क!

Photo Credit: Sateliot

5G satellite : ‘द ग्राउंडब्रेकर’ जैसे तमाम उपग्रह जब काम करना शुरू कर देंगे और यूजर्स तक इनकी सर्विस पहुंचने लगेगी, तो 5G मोबाइल इंटरनेट की दुनिया पूरी तरह बदल जाएगी।

ख़ास बातें
  • स्‍पेसएक्‍स ने लॉन्‍च किया सैटेलाइट
  • Sateliot नाम की कंपनी ने किया है तैयार
  • 5G सेल्‍युलर स्‍टैंडर्ड पर करता है काम
विज्ञापन
एलन मस्‍क (Elon Musk) की स्‍पेस कंपनी स्‍पेसएक्‍स (SpaceX) का हालिया स्‍टारशिप रॉकेट लॉन्‍च टेस्‍ट (Starship) फेल हो गया है, लेकिन कंपनी कई और मिशनों पर तेजी से काम कर रही है। रिपोर्टों के अनुसार, स्‍पेसएक्‍स ने कथित तौर पर एक ऐसा सैटेलाइट लॉन्‍च किया है, जो 5G सेल्‍युलर स्‍टैंडर्ड पर काम करने वाला लो-अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में पहला उपग्रह है। इसका नाम ‘द ग्राउंडब्रेकर' (The GroundBreaker) कहा जाता है। आसान शब्‍दों में समझें, तो यह और इसके जैसे कई दूसरे सैटेलाइट भविष्‍य में अंतरिक्ष से 5G मोबाइल टावर की तरह काम करेंगे। 
 

10 किलो का सैटेलाइट 

रिपोर्ट के अनुसार, ‘द ग्राउंडब्रेकर' एक छोटा सैटेलाइट है। इसका वजन करीब 10 किलोग्राम है। 15 अप्रैल को इस सैटेलाइट को कैलिफोर्निया में वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस में स्पेसएक्स की लॉन्‍च फैसिलिटी से अंतरिक्ष में भेजा गया। 
 

क्‍या काम करेगा सैटेलाइट 

इस सैटेलाइट को धरती पर मौजूद मोबाइल टावरों के साथ कम्‍युनिकेट करने और दुनियाभर में डेटा नेटवर्क के गैप को भरने के लिए डिजाइन किया गया। 
 

किसने बनाया है सैटेलाइट 

‘द ग्राउंडब्रेकर' को Sateliot नाम की कंपनी ने तैयार किया है। यह 250 लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट्स के ग्रुप में पहला सैटेलाइट है। इन सैटेलाइट्स के जरिए यूजर पृथ्‍वी पर लगे 5G टावरों और अंतरिक्ष से आने वाले 5G नेटवर्क के बीच स्विच कर पाएंगे। 
 

बदल जाएगी 5G इंटरनेट की दुनिया

‘द ग्राउंडब्रेकर' जैसे तमाम उपग्रह जब काम करना शुरू कर देंगे और यूजर्स तक इनकी सर्विस पहुंचने लगेगी, तो 5G मोबाइल इंटरनेट की दुनिया पूरी तरह बदल जाएगी। यूजर बिना कोई हार्डवेयर, एंटीना या मोडेम के अपनी डिवाइस पर सीधे सैटेलाइट के 5जी नेटवर्क से कनेक्‍ट कर पाएंगे। 
 

कहां होगा सबसे ज्‍यादा फायदा

इन सैटेलाइट का सबसे ज्‍यादा फायदा उन इलाकों में होगा, जहां मोबाइल टावर उपलब्‍ध नहीं है। यूजर सीधे अपनी डिवाइस को गैर-स्थलीय 5G नेटवर्क (non-terrestrial 5G network) से कनेक्‍ट कर पाएंगे। उन्‍हें अलग से कोई मोडेम, हार्डवेयर की जरूरत नहीं होगी। कंपनी को उम्‍मीद है कि उसकी टेक्‍नॉलजी पृथ्‍वी के 85 फीसदी एरिया तक इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचा सकती है। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Elon Musk की स्टारलिंक के विरोध में रिलायंस और एयरटेल, स्पेक्ट्रम के कम रेट से नाराज
  2. भारत की नई EV पॉलिसी में Elon Musk की Tesla को नहीं है दिलचस्पी!
  3. Apple Design Awards 2025: इस बार चीन और अमेरिका के ऐप्स और गेम्स छाए टॉप लिस्ट में, भारत गायब
  4. Vivo V50e खरीदने वालों को Vi का बड़ा तोहफा, हर दिन 3GB डेली डेटा और 17 OTT सब्सक्रिप्शन!
  5. Ola Electric की बढ़ी मुश्किल, भारी लॉस के बाद Hyundai, Kia ने बेची बड़ी हिस्सेदारी
  6. Telegram में आया नया अपडेट: चैनल्स को करें DM, वॉइस मैसेज करें ट्रिम, भेजें HD फोटो और भी बहुत कुछ...
  7. Vivo T4 Ultra अगले सप्ताह होगा भारत में लॉन्च, 100x डिजिटल जूम के लिए मिलेगा सपोर्ट
  8. Motorola Razr 60 की भारत में शुरू हुई बिक्री, जानें प्राइस, ऑफर्स
  9. Vivo X Fold 5: फोल्ड होने पर भी iPhone 16 Pro Max से पतला होगा अपकमिंग वीवो फोल्डेबल फोन!
  10. क्रिप्टो मार्केट में तेजी, Bitcoin का प्राइस 1,05,000 डॉलर से ज्यादा
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »