• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • कॉकरोच में लगाए सोलर सेल, वायरलैस रेडियो, आखिर इस सायबोर्ग से क्‍या करना चाहते हैं वैज्ञानिक

कॉकरोच में लगाए सोलर सेल, वायरलैस रेडियो, आखिर इस सायबोर्ग से क्‍या करना चाहते हैं वैज्ञानिक

सायबोर्ग कॉकरोच का इस्‍तेमाल पर्यावरण की निगरानी करने और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव और खोज मिशन के दौरान किया जा सकता है।

कॉकरोच में लगाए सोलर सेल, वायरलैस रेडियो, आखिर इस सायबोर्ग से क्‍या करना चाहते हैं वैज्ञानिक

ये जानकारी जर्नल एनपीजे फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स में पब्लिश की गई है, जहां वैज्ञानिकों ने ‘रिचार्जिंग वायरलेस लोकोमोशन कंट्रोल’ का प्रदर्शन कर सायबोर्ग की व्यवहार्यता को दिखाया है।

ख़ास बातें
  • ये कॉकरोच सौर पैनल से जुड़ी बैटरी और रिमोट से ऑपरेट होते हैं
  • इनका इस्‍तेमाल पर्यावरण की निगरानी समेत अन्‍य कामों में हो सकता है
  • हालांकि इन्‍हें तैयार करने पर चल रही रिसर्च अभी भी जारी है
विज्ञापन
हॉलीवुड फ‍िल्‍मों में ऐसे कई सुपरहीरोज हम देखते हैं, जो एक आम इंसान के साथ-साथ मशीन और तकनीक की बदौलत अपना पावरफुल किरदार निभाते हैं। ऐसी ही कोशिश वैज्ञानिक असल में भी कर रहे हैं। मशीन और जीव का इं‍टीग्रेशन लंबे वक्‍त से बहस का विषय रहा है। इसके फायदे गिनाए जाते हैं, लेकिन कई चिंताएं भी सामने आती हैं। बहरहाल, RIKEN क्लस्टर फॉर पायनियरिंग रिसर्च (CPR) के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने सायबोर्ग कॉकरोच को डिजाइन किया है। ये जीव हैं, इसके बावजूद ये कॉकरोच सौर पैनल से जुड़ी बैटरी और रिमोट से ऑपरेट होते हैं। बताया जाता है कि सायबोर्ग कॉकरोच का इस्‍तेमाल पर्यावरण की निगरानी करने और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव और खोज मिशन के दौरान किया जा सकता है।   

ये जानकारी जर्नल एनपीजे फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स में पब्लिश की गई है, जहां वैज्ञानिकों ने ‘रिचार्जिंग वायरलेस लोकोमोशन कंट्रोल' का प्रदर्शन कर सायबोर्ग की व्यवहार्यता (feasibility) को दिखाया है। इस रिसर्च में जापान समेत कई अन्य देशों के वैज्ञानिक शामिल थे।

स्‍टडी में बताया गया है कि सायबोर्ग कॉकरोच को वैज्ञानिक दूर से कंट्रोल कर लेते हैं। इनके ऊपर बेहद पतले और लचीले सोलर सेल लगाए गए हैं। पूरा सिस्टम कॉकरोच के तंत्रिका तंत्र से जुड़ा होता है। कॉकरोच के ऊपर यह पूरा सिस्‍टम किसी बैकपैक की तरह नजर आता है। यह इतना लचीला और हल्‍का है, जिससे सायबोर्ग के मूवमेंट पर कोई असर नहीं पड़ता। खास बात यह है कि बैकपैक को तैयार करने के बाद उसका 3डी प्रिंट निकाला गया।  

कॉकरोच की गति प्रभावित ना हो, इस वजह से बैकपैक तैयार करते समय वैज्ञानिकों ने कई पतली इलेक्ट्रॉनिक फिल्‍म्‍स को टेस्‍ट किया। बहरहाल, उन्‍होंने एक ऐसी फ‍िल्‍म को इस्‍तेमाल किया, जो इंसान के बाल से भी 17 गुना पतली है। बहरहाल सिर्फ एक बटन दबाकर कॉकरोच के संवेदी अंगों में बिजली का प्रवाह भेजा जाता है। इसके बाद कॉकरोच दाएं - बाएं घूमने लगते हैं। वायरलेस सिग्नल का इस्‍तेमाल करके उन्‍हें आगे भी बढ़ाया जा सकता है। बहरहाल वैज्ञानिकों ने सायबोर्ग कॉकरोच में मूवमेंट तो हासिल कर लिया है, लेकिन इसकी कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए रिसर्च अभी जारी है। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. हाइवे पर फ्री AC रूम, Wi-Fi और शॉवर, बस भरवाना है फ्यूल; बुकिंग सीधा मोबाइल ऐप से
  2. Vivo T4 Pro vs Realme 15 5G vs Nothing Phone 3a: 30 हजार में कौन सा है बेस्ट
  3. Samsung की AI वाली वॉशिंग मशीन, कपड़ों को गीला किए बिना करेगी साफ, प्रेस करने का भी झंझट खत्म!
  4. ऑनलाइन डिजिटल स्कैम के शिकार तो नहीं हुए आप? ऐसे करें ऑनलाइन शिकायत
  5. Gmail पर Spam Email को ऐसे करें Block, स्टोरेज भी हो जाएगी खाली, फॉलो करें ये स्टेप्स
  6. Motorola G06 में मिल सकता है MediaTek Helio G81 Extreme चिपसेट
  7. भारत में एपल ने की 9 अरब डॉलर की रिकॉर्ड सेल्स, iPhones की बड़ी हिस्सेदारी 
  8. Motorola ने लॉन्च किया Book 60 Pro, 14 इंच OLED डिस्प्ले, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  9. Motorola ने पेश किया Edge 60 Neo, 6.4 इंच pOLED डिस्प्ले, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  10. TCL ने लॉन्च किया 7.2-इंच डिस्प्ले वाला NxtPaper 60 Ultra, इसमें है आंखों की सेफ्टी के लिए स्पेशल टेक्नोलॉजी, जानें कीमत
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »