सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल इन दिमागी बीमारियों को दे रहा न्यौता!

सोशल मीडिया के इस्तेमाल का युवाओं की दिमागी सेहत पर खासतौर पर प्रभाव पड़ता है।

सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल इन दिमागी बीमारियों को दे रहा न्यौता!

एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोशल मीडिया और दिमागी सेहत का आपस में सीधा कनेक्शन है।

ख़ास बातें
  • बच्चे और युवा सोशल मीडिया पर 3 घंटे से ज्यादा समय हर रोज बिता रहे हैं।
  • इससे उनमें डिप्रेशन और एंजाइटी का रिस्क भी दोगुना हो रहा है।
  • सोशल मीडिया के एल्गोरिदम कुछ ऐसे हैं कि इंसान को इसकी लत लग जाती है।
विज्ञापन
अगर आप भी सोशल मीडिया का कंटेंट बहुत ज्यादा कंज्यूम करते हैं तो यह खबर आपके लिए है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोशल मीडिया और दिमागी सेहत का आपस में सीधा कनेक्शन है। यानी सोशल मीडिया के इस्तेमाल से आपकी मेंटल हेल्थ पर गहरे मायनों में प्रभाव पड़ता है। अमेरिका में सर्जन जनरल, वाइस एडमिरल विवेक मूर्ति ने NDTV से इसके प्रभावों के बारे में विस्तार से बात की। विवेक मूर्ति ने बताया कि उनके कार्यालय ने इस संबंध में एडवाइजरी तक भी जारी की गई है। 

सोशल मीडिया के इस्तेमाल का युवाओं की दिमागी सेहत पर खासतौर पर प्रभाव पड़ता है। US Surgeon General दरअसल सभी अमेरिकी राज्यों के डॉक्टर को रीप्रेजेंट करता है। सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य मामलों और स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन मामलों पर अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा सर्जन जनरल से परामर्श किया जाता है। यह अमेरिका में सर्वोच्च पदों में से एक है और अमेरिका के पूरे हेल्थकेयर सिस्टम की जिम्मेदारी इस पर होती है। वर्तमान के सर्जन जनरल, वायस एडमिरल विवेक मूर्ति ने NDTV से कई मुद्दों पर एक्सक्लूसिव बात की और इनमें लोगों की दिमागी सेहत पर सोशल मीडिया के असर का मुद्दा भी शामिल है। 

उन्होंने बताया कि कई देश इस वक्त मेंटल हेल्थ इमरजेंसी से जूझ रहे हैं, डिप्रेशन के अनगिनत केस हैं, साथ ही एंजाइटी और यहां तक कि सुसाइड के मामले भी देशों के लिए समस्या बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेंटल हेल्थ के बारे में लोग अपने परिवार और आसपास के लोगों से बात नहीं कर पाते हैं, और न ही करना चाहते हैं। इससे उनका संघर्ष और ज्यादा बढ़ जाता है। लेकिन मेंटल हेल्थ भी किसी की फिजिकल हेल्थ जितनी ही ज्यादा जरूरी है। इसे प्राथमिकता के साथ लेना चाहिए। 

यहां पर पीढ़ियों का अंतर भी अहम रोल प्ले करता है। पुरानी पीढ़ी के लोग इस मुद्दे पर बहुत कम बात करते थे। तुलनात्मक रूप से नई पीढ़ी के लोग इस पर ज्यादा बात करते हैं। इसके साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों का कल्चर भी एक फैक्टर है। उन्होंने कहा कि उनका परिवार मूल रूप से भारत से है, लेकिन हमने कभी मेंटल हेल्थ के बारे में बात नहीं की। 

आज के युवाओं पर जिंदगी में बेहतर करने का बहुत प्रेशर है। जब उनसे पूछा जाता है कि उनके लिए सफलता के क्या मायने हैं तो जवाब मिलता है कि लोग उनसे उम्मीद करते हैं कि उनके पास बहुत सारा पैसा हो, उनका दुनिया में बड़ा नाम हो, और उनके पास बड़ी पावर हो। ये सब चाहना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन अगर लोग सोचने लगें कि जिंदगी में लम्बे समय के लिए संतुष्टि का रास्ता कहां से होकर जाता है तो जिंदगी के तजुरबे कुछ और सुझाव देते नजर आएंगे। 

डॉक्टर विवेक मूर्ति के अनुसार, अगर हम सही मायनों में अपने बच्चों को संतुष्ट देखना चाहते हैं तो इसके बारे में और गहराई से सोचने की जरूरत है। हम यह खोजें कि हम अपने बच्चों को कैसे एक ऐसा जीवन बनाकर दें जिसमें एक संतुष्टि तक ले जाने वाला मकसद हो, जिसमें सेवा भी शामिल हो, और जो आसपास के समुदाय के लिए लाभकारी हो। क्योंकि यही संतुष्ट जीवन के बिल्डिंग ब्लॉक होते हैं जो हम अंत में अपने बच्चों को देकर जाना चाहते हैं। 

उन्होंने बताया कि पिछले दो दशकों में सुसाइड रेट भी तेजी से बढ़े हैं। लोगों में अकेलापन बढ़ रहा है। और सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि यह अकेलापन अब बच्चों में सबसे ज्यादा पाया जा रहा है। लेकिन यह उतना ही युवाओं को भी चुभ रहा है। मोबाइल फोन का एक्सेस अब सबके पास है। मोबाइल फोन से बच्चे भी नेगेटिव न्यूज कंज्यूम करते हैं जिससे वो हिंसात्मक हो रहे हैं। 

औसत रूप से बच्चे सोशल मीडिया पर 3 घंटे से ज्यादा समय हर रोज बिता रहे हैं। इससे उनमें डिप्रेशन और एंजाइटी का रिस्क भी दोगुना हो रहा है। सोशल मीडिया के एल्गोरिदम कुछ ऐसे हैं कि इंसान को इसकी लत लग जाती है। ये एल्गोरिदम दिमाग पर सीधा असर डालते हैं और इससे निकलने वाले हॉर्मॉन्स को प्रभावित करते हैं। लेकिन इनको कंट्रोल करने के लिए कोई नियम-कानून नहीं है। पिछले 20 सालों से सोशल मीडिया हमारे जीवन पर प्रभाव डाल रही है, और एक समाज के रूप में हम फेल हो चुके हैं कि सोशल मीडिया कंपनियों पर सेफ्टी स्टैंडर्ड्स का दबाव बनाया जा सके। इसके बारे में सबको मिलकर सोचना होगा। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. WhatsApp पर आधार कार्ड कैसे करें डाउनलोड, ये है आसान तरीका
  2. Flipkart Big Billion Days 2025: स्मार्टफोन और लैपटॉप पर ऑफर का खुलासा
  3. 98, 85, 75 इंच डिस्प्ले वाले TCL X11L TV हुए लॉन्च, कंपनी ने कहा टीवी का बादशाह
  4. Apple का iPhone 16 लगातार दूसरी तिमाही में सबसे अधिक बिकने वाला स्मार्टफोन
  5. Flipkart Big Billion Days Sale में Nothing Phone 3 को आधे से कम प्राइस में खरीदने का मौका
  6. Flipkart Big Billion Days 2025: Nothing ने Phone (3), Phone 3a Pro, CMF Phone 2 Pro और Nothing Ear पर की छूट की पेशकश
  7. Flipkart Big Billion Days Sale: Realme GT 7T, Realme 15, Realme P4 Pro और कई मॉडल्स पर मिलेगा भारी डिस्काउंट
  8. Vivo Y31 5G, Y31 Pro 5G भारत में 6500mAh बैटरी, 50 मेगापिक्सल कैमरा के साथ लॉन्च, जानें सबकुछ
  9. Realme P3 Lite 5G भारत में हुआ लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी, जानें प्राइस, फीचर्स
  10. Oppo F31 Pro+ 5G, F31 Pro 5G, F31 5G भारत में 50MP कैमरा, 7000mAh बैटरी के साथ लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »