वैज्ञानिकों ने खोजी नई तरकीब, ब्‍लैक होल की जोड़ी को समझना होगा और आसान

इसकी मदद से आने वाले समय में खगोलविद मेसियर 87 जैसे छोटे ब्लैक होल का अध्ययन करने में सक्षम हो सकते हैं।

वैज्ञानिकों ने खोजी नई तरकीब, ब्‍लैक होल की जोड़ी को समझना होगा और आसान

यह स्‍टडी फिजिकल रिव्यू डी जर्नल में प्रकाशित हुई है।

ख़ास बातें
  • इस अप्रोच के सिर्फ दो क्राइटेरिया हैं
  • पहला, एक विशायलकाय ब्लैक होल की एक जोड़ी होनी चाहिए
  • यह जोड़ी एक दूसरे के साइड में होनी चाहिए
विज्ञापन
तीन साल पहले एक ब्‍लैक होल की तस्‍वीर ने दुनिया को हैरान कर दिया था। इवेंट होराइजन टेलीस्कोप ने मेसियर 87 आकाशगंगा के केंद्र में स्थित उस ब्‍लैक होल की इमेज को कैप्‍चर किया था। इस तस्‍वीर में ब्‍लैक होल का वह जोड़ा किसी जलती हुई रिंग की तरह दिखाई दे रहा था, जिसके बीच में गहरा काला गड्ढा था। अब कोलंबिया यूनिवर्सिटी के दो रिसर्चर्स ने ऐसे ब्‍लैक होल के बारे में और समझने के लिए एक तरकीब का आविष्कार किया है। इसकी मदद से आने वाले समय में खगोलविद मेसियर 87 जैसे छोटे ब्लैक होल का अध्ययन करने में सक्षम हो सकते हैं।

इस अप्रोच के सिर्फ दो क्राइटेरिया हैं। इस आविष्‍कार को शुरू करने के लिए विशायलकाय ब्लैक होल की एक जोड़ी होनी चाहिए। यह जोड़ी एक दूसरे के साइड में होनी चाहिए। उस पॉइंट पर जब एक ब्लैक होल दूसरे के सामने से गुजरता है, तब व्यक्ति को प्रकाश की तेज चमक देखने में काबिल होना चाहिए। यह स्‍टडी फिजिकल रिव्यू डी जर्नल में प्रकाशित हुई है।

कोलंबिया में पोस्ट-डॉक्टरेट फेलो और कम्प्यूटेशनल एस्ट्रोफिजिक्स के फ्लैटिरॉन इंस्टीट्यूट के सेंटर और इस स्‍टडी के पहले लेखक ने कहा कि M87 ब्लैक होल की हाई-रेजॉलूशन इमेज कई वर्षों की प्रक्रिया है, जिसमें दर्जनों साइंटिस्‍ट को कोशिश करने की जरूरत होती है। उनका कहना है कि यह तरकीब सिर्फ  बड़े और निकटतम ब्लैक होल के लिए काम करती है, जैसे कि M87 ब्‍लैक होल। यह संभवत: हमारी आकाशगंगा के लिए भी कारगर हो सकती है। खगोलविदों की कोशिश सफल रहती है, तो इस एक्‍सपेरिमेंट का इस्‍तेमाल करके 150 या उससे अधिक विशालकाय ब्लैक होल जोड़ों की पुष्टि की जा सकती है, जिन्‍हें अबतक खोजा जा चुका है।  

हाल ही में MIT के रिसर्चर्स ने हमारी आकाशगंगा ‘मिल्की वे' में 8 नए इको ब्लैक होल बायनेरिज का पता लगाया है। अबतक ऐसे 2 ब्‍लैक होल के बारे में ही जानकारी थी। इको ब्लैक होल बायनेरिज ऐसा सिस्‍टम है, जो एक तारे की परिक्रमा करता है। रिसर्चर्स ने ‘रेवरबेरेशन मशीन' नाम के एक नए ऑटोमेटेड सर्च टूल का इस्‍तेमाल करते हुए नजदीकी ब्लैक होल एक्स-रे बायनेरिज से निकलने वाली चमक और इको को देखा। इस रिसर्च को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) का भी सपोर्ट था। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Nu Republic Cyberstud Punk TWS ईयरबड्स लॉन्च, ENC सपोर्ट के साथ 70 घंटे तक चलेगी बैटरी
  2. Motorola Razr 60 फोन 18GB रैम, 1TB स्टोरेज के साथ TENAA पर हुआ स्पॉट, धांसू फीचर्स का खुलासा
  3. 12GB रैम, 6000mAh बैटरी के साथ लॉन्च हुआ Realme 14 5G, खास AI फीचर्स से लैस, जानें कीमत
  4. JioHotstar की बड़ी कामयाबी, 10 करोड़ से ज्यादा हुए पेड सब्सक्राइबर्स
  5. 7300mAh बैटरी वाले iQOO Z10 के भारत में लॉन्च से पहले लीक हुई कीमत, मिड-रेंज सेगमेंट में लेगा एंट्री!
  6. Tesla की राइवल BYD की भारत में EV की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने की तैयारी
  7. Poco F7 Ultra के साथ Poco F7 Pro लॉन्च, जानें कीमत और स्पेसिफिकेशंस
  8. भारतीयों ने स्मार्टफोन्स पर बिताए एक लाख करोड़ घंटे, मीडिया इंडस्ट्री को हुआ फायदा
  9. गूगल प्ले स्टोर ने इस देश में 17 अपंजीकृत क्रिप्टो एक्सचेंज किए बैन
  10. Vivo Y39 5G vs OnePlus Nord CE4 Lite 5G: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »