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वैज्ञानिकों ने बनाया वर्चुअल रीढ़ वाला रोबोट डॉग, एक घंटे में सीख सकता है चलना

इस रोबोट का नाम मोर्टी है, जिसके मूविंग पैटर्न को किसी जानवर की तुलना में तेजी से ऑप्‍टमाइज किया जाता है।

वैज्ञानिकों ने बनाया वर्चुअल रीढ़ वाला रोबोट डॉग, एक घंटे में सीख सकता है चलना

इसमें एक वर्चुअल स्‍पाइनल कॉर्ड लगाई गई है जो सेंट्रल पैटर्न जेनरेटर (CPG) को कंप्‍यूटर पर सिम्‍युलेट करते ही डॉगी की पीठ से जुड़ जाती है।

ख़ास बातें
  • रिसर्चर्स समझना चाहते थे कि इंसान कैसे चलना सीखते हैं
  • यह समझने के लिए उन्‍होंने इस रोबोट को तैयार किया
  • यह एक घंटे में चलना सीख सकता है
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जर्मनी स्थित मैक्स प्लैंक इंस्टि‍ट्यूट फॉर इंटेलिजेंट सिस्टम्स (MPI-IS) के रिसर्चर्स ने चार पैरों वाला एक रोबोट डॉगी बनाया है। यह एक घंटे में चलना सीखने में सक्षम है। मोर्टी (Morti) नाम का यह रोबोट एक आर्टिफ‍िशियल स्‍पाइनल कॉर्ड से लैस है, जिसे लगातार ऑप्‍टमाइज किया जाता है। रिसर्चर्स यह स्‍टडी करने की कोशिश कर रहे थे कि इंसान चलना कैसे सीखते हैं। जब एक जानवर का बच्चा पैदा होता है, तो उसकी रीढ़ की हड्डी में एक मसल कॉर्डिनेशन नेटवर्क होता है, लेकिन नवजात शिशुओं को अपने पैरों पर संतुलन बनाने और चलना सीखने में अभी भी समय लगता है।

अपने जन्म शुरुआती दिनों में बच्चे चलना सीखने के लिए ‘हार्ड-वायर्ड स्पाइनल कॉर्ड रिफ्लेक्सिस' पर निर्भर होते हैं। इस दौरान उनकी सजगता उन्‍हें गिरते समय चोट लगने से बचाती है। इसी प्रक्रिया को समझने के लिए वैज्ञानिकों ने मोर्टी नाम के कुत्ते के आकार का चार पैरों वाला रोबोट बनाया। 

नेचर मशीन इंटेलिजेंस में पब्लिश स्‍टडी में (MPI-IS) में डायनामिक लोकोमोशन रिसर्च ग्रुप में डॉक्टरेट के पूर्व छात्र फेलिक्स रूपर्ट ने कहा कि हमने एक ऐसे रोबोट का निर्माण करके जवाब तलाशने की कोशिश की, जो जानवरों की तरह रिफ्लेक्स पेश करता है और गलतियों से सीखता है। 

मोर्टी में मौजूद मूविंग पैटर्न को किसी जानवर की तुलना में तेजी से ऑप्‍टमाइज किया जाता है। इसमें एक वर्चुअल स्‍पाइनल कॉर्ड लगाई गई है जो सेंट्रल पैटर्न जेनरेटर (CPG) को कंप्‍यूटर पर सिम्‍युलेट करते ही डॉगी की पीठ से जुड़ जाती है। अगर रोबोट गिरने वाला होता है, तो एल्गोरिथद पैरों की गति का डेटा रिकॉर्ड करता है और मोशन को एडजस्‍ट करता है। इसके बाद एडजस्‍ट किए गए मोशन को रोबोट को भेजा जाता है, ताकि डॉगी का चलना बेहतर हो और वह कम ठोकर खाए।  
 
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ये भी पढ़े: Science News, Robot dog, artificial spinal cord, research, Study
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