मीठे पानी की कमी की समस्या को हल करने की दिशा में बड़ा कदम क्या हो सकता है? वैज्ञानिकों ने एक ऐसी डिवाइस डेवलप की है, जो ट्रेडिशनल रूप से इस्तेमाल की जाने वाली डिवाइसेज की तुलना में खारे पानी को एक हजार गुना तेजी से फिल्टर करती है। इंडस्ट्रियल स्केल में समुद्री पानी को विलवणीकरण (desalination) प्रक्रिया के जरिए पीने योग्य बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में पानी से नमक को अलग किया जाता है और बचे हुए पानी को सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है। हाल के एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने खारे पानी को तेजी से और अधिक प्रभावी तरीके से साफ करने के लिए एक नया तरीका ईजाद किया है।
वैज्ञानिकों ने अपने नए प्रकाशित
अध्ययन में खारे पानी को तेजी से और अधिक प्रभावी तरीके से शुद्ध करने के लिए एक नए तरीके के बारे में बताया है। उन्होंने फ्लोरीन-बेस्ड नैनोस्ट्रक्चर का इस्तेमाल करके नमक को पानी से सफलतापूर्वक अलग किया।
टोक्यो यूनिवर्सिटी के रसायन विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर योशिमित्सु इटोह और उनके सहयोगियों ने नैनोस्केल पर फ्लोरीन पाइपलाइनों की क्षमता की खोज करके अपने अध्ययन की शुरुआत की। इटोह ने कहा कि हम यह देखने के लिए उत्सुक थे कि फ्लोरस नैनोचैनल विभिन्न यौगिकों, विशेष रूप से पानी और नमक को चुनिंदा रूप से फिल्टर करने में कितना प्रभावी हो सकता है। कुछ जटिल कंप्यूटर सिमुलेशन चलाने के बाद हमने तय किया कि यह एक काम करने वाला नमूना बनाने के लिए लायक है।
वैज्ञानिकों की टीम ने 1 से 2 नैनोमीटर तक के आकार के नैनोरिंग के साथ कई टेस्ट सैंपल डेवलप किए। इटोह के अनुसार, उन्होंने पाया कि एक टेस्ट सैंपल काम कर रहा था, क्योंकि उसने पानी से नमक के अणुओं को सफलतापूर्वक हटा दिया। इटोह के अनुसार, फ्लोरीन बेस्ड फिल्टर न केवल पानी को शुद्ध करते हैं, बल्कि इसने इंडस्ट्रियल डिवाइसेज की तुलना में कई हजार गुना तेजी से काम किया। उन्होंने कहा कि कार्बन नैनो-ट्यूब बेस्ड डिवाइसेज भी फ्लोरीन डिवाइसेज की तुलना में 2,400 गुना धीमे थे। वैज्ञानिकों का कहना है कि नई तकनीक को संचालित करने के लिए कम ऊर्जा की जरूरत होती है और यह इस्तेमाल में भी आसान है।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।