• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • पृथ्‍वी से सूर्य ग्रहण कई बार देखा होगा, आज अंतरिक्ष से ली गई तस्‍वीर देख लीजिए

पृथ्‍वी से सूर्य ग्रहण कई बार देखा होगा, आज अंतरिक्ष से ली गई तस्‍वीर देख लीजिए

सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी जिसे एसडीओ के नाम से भी जाना जाता है, उसका मुख्‍य काम सूर्य की अंतरिक्ष में होने वाली घटनाओं को देखना है।

पृथ्‍वी से सूर्य ग्रहण कई बार देखा होगा, आज अंतरिक्ष से ली गई तस्‍वीर देख लीजिए

हाल ही में इसने सूर्य में हुए एक विस्‍फोट को कैप्‍चर किया था। इस दौरान करीब 3 घंटे तक अंतरिक्ष में सोलर रेडिएशन निकला था।

ख़ास बातें
  • एसडीओ को फरवरी 2010 में लॉन्च किया था
  • यह सूर्य से जुड़ी घटनाओं पर नजर रखती है
  • इसी क्रम में इसने सूर्य ग्रहण की तस्‍वीर ली है
विज्ञापन
सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) एक खगोलीय घटना है। हमने पृथ्‍वी से कई बार सूर्य ग्रहण देखा है। इसकी तस्‍वीरों को कैप्‍चर किया है, लेकिन क्‍या आपने अंतरिक्ष में इस नजारे को देखा है? अमेरिकी अं‍तरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी ने बुधवार को इस घटना को कैमरे में कैद किया। एक खास बिंदु से ऑब्‍जर्वेटरी ने सूर्य ग्रहण को कैप्‍चर किया। सिर्फ इसी जगह से यह नजारा दिखाई दे रहा था। 

space.com की रिपोर्ट के अनुसार, जब सूर्य ग्रहण अपने पीक पर था, तब चंद्रमा ने उसके 67 फीसदी हिस्‍से को ढक दिया था। इस वजह से सूर्य के आधे से ज्‍यादा हिस्‍से पर चंद्रमा एक काले गोल स्‍पॉट के रूप में नजर आ रहा था। सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी जिसे एसडीओ के नाम से भी जाना जाता है, उसका मुख्‍य काम सूर्य की अंतरिक्ष में होने वाली घटनाओं को देखना है। यह ऑब्‍जर्वेटरी उस रेडिएशन पर भी नजर रखती है, जो सूर्य से निकलता है और पृथ्‍वी पर उसका असर हो सकता है। यह सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड, सनस्‍पॉट और अन्‍य पहलुओं पर भी काम करती है। 

हाल ही में इसने सूर्य में हुए एक विस्‍फोट को कैप्‍चर किया था। इस दौरान करीब 3 घंटे तक अंतरिक्ष में सोलर रेडिएशन निकला था। 

एसडीओ को फरवरी 2010 में लॉन्च किया था। यह अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी और उसके सहयोगियों का एक प्रोजेक्‍ट है। 

एसडीओ ने सूर्य में हुए जिस विस्‍फोट को कैप्‍चर किया था, उसमें कोरोनल मास इजेक्शन (CME) भी शामिल था। कोरोनल मास इजेक्शन, सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। सौर विस्फोट के बाद ये बादल अंतरिक्ष में सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड में फैल जाते हैं। अंतरिक्ष में घूमने की वजह से इनका विस्‍तार होता है और अक्‍सर यह कई लाख मील की दूरी तक पहुंच जाते हैं। 

कई बार तो यह ग्रहों के मैग्‍नेटिक फील्‍ड से टकरा जाते हैं। जब इनकी दिशा की पृथ्‍वी की ओर होती है, तो यह जियो मैग्‍नेटिक यानी भू-चुंबकीय गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। इनकी वजह से सैटेलाइट्स में शॉर्ट सर्किट हो सकता है और पावर ग्रिड पर असर पड़ सकता है। इनका असर ज्‍यादा होने पर ये पृथ्‍वी की कक्षा में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरे में डाल सकते हैं। 

बहरहाल, एसडीओ की ओर से भेजी गई सूर्य ग्रहण की तस्‍वीर शानदार है। अंतरिक्ष में सूर्य ग्रहण का ऐसा नजारा आपने भी शायद ही पहले कभी देखा होगा। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. OnePlus Nord 5 vs Samsung Galaxy A55 vs Realme 15 Pro 5G: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  2. 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाला Samsung Galaxy A56 5G पर गजब ऑफर, यहां से खरीदें सस्ता
  3. iQOO Z10 Turbo+ में मिल सकता है 50 मेगापिक्सल Sony प्राइमरी कैमरा, अगले महीने होगा लॉन्च
  4. Samsung के Galaxy F36 5G की कल से शुरू होगी भारत में बिक्री, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  5. Tesla के लिए AI6 चिप्स की मैन्युफैक्चरिंग करेगी Samsung, 1.4 लाख करोड़ रुपये की हुई डील
  6. Primebook 2 Neo का लॉन्च 31 जुलाई को, Rs 15,990 में मिलेगा AI लैपटॉप, जानें स्पेसिफिकेशन्स
  7. Vivo का T4R 5G इस सप्ताह होगा भारत में लॉन्च, प्राइस का हुआ खुलासा
  8. MG Comet EV Price Hike: हर वेरिएंट पर 15,000 रुपये की मार, बैटरी सब्सक्रिप्शन फीस भी बढ़ी
  9. Xiaomi 16 Ultra में मिल सकता है 200 मेगापिक्सल पेरिस्कोप टेलीफोटो कैमरा
  10. Kinetic DX EV: स्मार्ट फीचर्स, 116 Km तक रेंज के साथ इलेक्ट्रिक अवतार में लौट आया ओल्ड स्कूल Kinetic स्कूटर
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »