• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • Oxygen on Mars : नासा ने मंगल ग्रह पर पैदा की 122gm ऑक्‍सीजन, एक छोटा डॉगी 10 घंटे ले सकेगा सांस

Oxygen on Mars : नासा ने मंगल ग्रह पर पैदा की 122gm ऑक्‍सीजन, एक छोटा डॉगी 10 घंटे ले सकेगा सांस

Oxygen on Mars : यह कामयाबी भविष्‍य में मंगल ग्रह पर उपनिवेश (colony) बनाने की दिशा में कारगर हो सकती है।

Oxygen on Mars : नासा ने मंगल ग्रह पर पैदा की 122gm ऑक्‍सीजन, एक छोटा डॉगी 10 घंटे ले सकेगा सांस

Photo Credit: Nasa

यह सिर्फ एक प्रयोग था। MOXIE ने मंगल ग्रह पर सिर्फ 122 ग्राम ऑक्‍सीजन पैदा की।

ख़ास बातें
  • मंगल ग्रह पर प्रयोग हुआ सफल
  • पर्सवेरेंस रोवर के इंस्‍ट्रूमेंट ने पैदा की ऑक्‍सीजन
  • भविष्‍य के मिशनों को मिलेगी मदद
विज्ञापन
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के पर्सवेरेंस रोवर (Perseverance Rover) ने साल 2021 में मंगल ग्रह की सतह पर लैंड किया था। तब से यह रोवर वहां चहलकदमी करते हुए सैंपल इकट्ठा कर रहा है। पर्सवेरेंस का मकसद मंगल ग्रह से चट्टानों के सैंपल इकट्ठा करके उन्‍हें सुरक्षित रखना है। उन सैंपलों को पृथ्‍वी पर वापस लाने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) साल 2030 तक मिशन लॉन्‍च कर सकती है। यह रोवर अपने साथ कई इंस्‍ट्रूमेंट्स भी लेकर गया है, जिनमें से एक है- MOXIE (मार्स ऑक्सीजन इन-सीटू रिसोर्स यूटिलाइजेशन एक्सपेरिमेंट)। इसने मंगल ग्रह के वातावरण में ऑक्‍सीजन पैदा करके इतिहास रच दिया है। 

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के अनुसार, यह कामयाबी भविष्‍य में मंगल ग्रह पर उपनिवेश (colony) बनाने की दिशा में कारगर हो सकती है। हालांकि यह सिर्फ एक प्रयोग था। MOXIE ने मंगल ग्रह पर सिर्फ 122 ग्राम ऑक्‍सीजन पैदा की। नासा ने बताया है कि इतनी ऑक्‍सीजन एक छोटे डॉगी को 10 घंटों तक सांस देने के लिए काफी है।  

यह उपलब्धि इसलिए अहम है, क्‍योंकि धरती से करीब 40 करोड़ किलोमीटर दूर ऑक्‍सीजन पैदा की गई है। नासा के डेप्‍युटी एडमिनिस्‍ट्रेटर पाम मेलरॉय ने कहा कि इस तरह की टेक्‍नॉलजीज का विकास हमें चंद्रमा और मंगल जैसी जगहों पर लंबे वक्‍त तक रहने के लिए और मानव मिशनों को आगे बढ़ाने के लिए मजबूती देता है।  

नासा ने बताया है कि MOXIE ने बेहतर तरीके से ऑक्‍सीजन का उत्‍पादन किया। मंगल ग्रह की एक्‍ट्रीम कंडीशंस के बावजूद यह पूरे साल वहां ऑक्‍सीजन पैदा कर सकता है। यह इंस्‍ट्रूमेंट मंगल ग्रह के वायुमंडल में मौजूद हरेक कार्बन डाइ ऑक्‍साइड के परमाणु (atom) से ऑक्‍सीजन परमाणु को अलग करके ऑक्‍सीजन पैदा करता है। 

नासा का कहना है कि इस तरह इकट्ठा की गई ऑक्‍सीजन फ्यूचर में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सांस लेने वाली हवा के रूप में काम कर सकती है। इसका इस्‍तेमाल रॉकेट प्रपेलंट पैदा करने के लिए भी हो सकता है। ऐसा हुआ तो मंगल ग्रह पर फ्यूचर मिशन और ज्‍यादा व्‍यवहारिक हो सकते हैं। पृथ्‍वी से कम फ्यूल ले जाने की जरूरत होगी, ज्‍यादातर फ्यूल मंगल ग्रह पर ही मिल जाएगा।  
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. 96km की रेंज और 45km/h टॉप स्पीड! लॉन्च हुई Kingbull की नई ई-बाइक, जानें कीमत
  2. Apple के iPhone 17 Pro Max में हो सकता है नए डिजाइन वाला कैमरा मॉड्यूल 
  3. Oppo ने लॉन्च किया 6000mAh बैटरी, 8GB रैम और 50MP कैमरा वाला A5i Pro 5G फोन, जानें कीमत
  4. Maruti Suzuki ने e-Vitara का यूरोप में शुरू किया एक्सपोर्ट, जल्द होगा भारत में लॉन्च
  5. 13MP कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ itel A90 Limited Edition लॉन्च, जानें सबकुछ
  6. ChatGPT Outage: डाउन हो गया सबका चहेता AI टूल, सोशल मीडिया पर आई Memes की बाढ़!
  7. हैकर्स ने Google को दी धमकी, पूरी करनी होगी ये 2 डिमांड नहीं तो यूजर्स का डेटा कर देंगे लीक!
  8. Samsung Galaxy S25 FE, Tab S11 और Tab S11 Ultra के फोटो हुए लॉन्च से पहले लीक, जानें कीमत भी
  9. Instagram पर Reels के लिए आ रहा पिक्चर इन पिक्चर फीचर, ऐसे करता है काम
  10. Ulefone Armor 29 Pro 5G थर्मल फोन पेश, आउटडोर उपयोग के लिए बेस्ट, जानें फीचर्स
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »