मंगल ग्रह पर अपने मिशन में गया नासा का मार्स रोवर पर्सवेरेंस (Perseverance) वहां चट्टानों के सैंपल इकट्ठा कर रहा है। इन सैंपल्स को भविष्य में मंगल पर लॉन्च होने वाले मानवमिशन के जरिए पृथ्वी पर भेजा जाएगा। सैंपल लेने की इस प्रक्रिया में कंकड़ जैसे कुछ मलबे की वजह से समस्या आ रही है। शुरुआत में सबकुछ सफलतापूर्वक हुआ था। पर्सवेरेंस ने इस्सोल नाम की Martian रॉक से एक सैंपल निकाला था। लेकिन उस सैंपल को स्टोर करते वक्त रोवर के सेंसर ने परेशानी जताई। इसके बाद रोवर ने अपना काम बंद कर दिया और पृथ्वी पर मौजूद अपने मॉनिटरिंग सिस्टम से संपर्क किया। यह घटना 29 दिसंबर की है।
रोवर के सेंसर में परेशानी क्यों आई, यह समझने के लिए पर्सवेरेंस की टीम ने डेटा को खंगाला। करीब एक हफ्ते बाद टीम को कंकड़ के आकार का कुछ मलबा मिला। यह पर्सवेरेंस के रोबोटिक आर्म के काम में बाधा पैदा कर रहा था।
नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) में सैंपलिंग और कैशिंग की चीफ इंजीनियर, लुईस जांडुरा ने एक ब्लॉग
पोस्ट में कहा, टीम को विश्वास है कि यह मलबा चट्टान का सैंपल लेते समय कलेक्शन से बाहर गिर गया। नासा के इंजीनियर अब व्यवस्थित तरीके से मलबे को हटाने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि ऐसा पहली बार हो रहा है, इसलिए मलबा हटाने के काम में इंजीनियर अपना पूरा समय लेना चाहते हैं। इस वीकेंड तक ताजा डेटा को देखा जाएगा। उसके बाद आगे की योजना पर फैसला होगा।
इस साल फरवरी में मंगल ग्रह पर लैंड करने के बाद पर्सवेरेंस हमें कई खोजों के बारे में बताता आया है। जेजेरो क्रेटर Jezero Crater के चारों ओर लगभग 10 महीनों तक ड्राइविंग के बाद रिसर्चर्स ने यह समझना शुरू कर दिया है कि यह क्षेत्र संभवतः लंबे समय से निष्क्रिय मार्टियन ज्वालामुखी से बना है। नासा के वैज्ञानिकों का मानना है कि इस खोज से ग्रह के इतिहास को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।
बीते दिनों एक रिपोर्ट में नासा ने खुलासा किया कि क्रेटर चट्टानों ने अपनी उत्पत्ति के बाद से कई बार पानी से इंटरेक्ट किया है। इन चट्टानों में कुछ ऑर्गनिक मॉलिक्यूल्स भी मौजूद हैं। नासा की रिसर्च टीम ने पर्सवेरेंस के मंगल ग्रह पर उतरने से पहले ही इन चट्टानों की उत्पत्ति के बारे में सोचा था।