वैज्ञानिक काफी गंभीरता से इस बारे में रिसर्च कर रहे हैं कि पृथ्वी पर पानी कहां से आया। कई शोधों में यह अनुमान लगाया गया है कि हमारे सौरमंडल में घूम रहीं चट्टानें मसलन- एस्टरॉयड्स या धूमकेतु पृथ्वी पर पानी लाए होंगे। इस अनुमान को अब और बल मिल रहा है क्योंकि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) ने एक ऐसे धूमकेतु (comet) को देखा है, जिसके आसपास पानी है। यह धूमकेतु बृहस्पति और मंगल के बीच मेन एस्टरॉयड बेल्ट में मौजूद है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने दिसंबर 2021 में
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को अंतरिक्ष में भेजा था। पिछले साल जुलाई से इस टेलीस्कोप ने काम करना शुरू किया और अबतक कई अहम जानकारियां जुटाई है। ऐसा पहली बार हुआ है जब जेम्स वेब ने मेन एस्टरॉयड बेल्ट में एक धूमकेतु के आसपास जल वाष्प (water vapor) का पता लगाया है। इससे पता चलता है कि हमारे सौर मंडल के शुरुआती समय में मेन एस्टरॉयड बेल्ट में पानी की मौजूदगी बर्फ के रूप में रही होगी।
यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के एस्ट्रोनॉमर माइकल केली और उनकी टीम ने यह स्टडी की है। जिस धूमकेतु के आसपास जल वाष्प का पता लगा है, उसे ‘238P/रीड' कहा जाता है। धूमकेतु के आसपास जल वाष्प की खोज इस सिद्धांत को और बल देती है कि पृथ्वी पर पानी ऐसी ही चट्टानों द्वारा पहुंचाया गया होगा। हालांकि इस धूमकेतु में कार्बन डाई ऑक्साइड मौजूद नहीं है। यह स्टडी जर्नल नेचर में
पब्लिश हुई है।
फरवरी में एक रिपोर्ट में हमने आपको बताया था कि खगोलविदों की एक टीम ने एस्टरॉयड्स की नई कैटिगरी की खोज की है, जो हमारे सौर मंडल की संरचना के बारे में नई जानकारी दे सकती है। वैज्ञानिकों ने एस्टरॉयड्स की जिस नई कैटिगरी का पता लगाया, वह आउटर एस्टरॉयड बेल्ट में है। कहा जा रहा है कि इन चट्टानों में पानी की काफी अच्छी मात्रा है। स्टडी में नियर-इन्फ्रारेड ऑब्जर्वेशन और एक बौने ग्रह सेरेस (Ceres) की तुलना करके निष्कर्ष निकाले गए हैं। कहा जाता है कि सेरेस हमारे आंतरिक सौर मंडल का ऐसा बौना ग्रह है, जहां पानी की काफी मौजूदगी है।
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