नासा को मिली 4 गुना बड़ी ‘पृथ्‍वी’, क्‍या दूसरे ग्रह पर मुमकिन होगा जीवन?

नासा ने बताया है कि ‘रॉस 508 बी’ एक सुपर अर्थ एक्सोप्लैनेट है। यह M-टाइप तारे की परिक्रमा करता है, जो पृथ्वी से लगभग 37 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है।

नासा को मिली 4 गुना बड़ी ‘पृथ्‍वी’, क्‍या दूसरे ग्रह पर मुमकिन होगा जीवन?

इस ग्रह का द्रव्यमान 4 पृथ्‍वी के बराबर है और ग्रह को अपने तारे की एक परिक्रमा करने में 10.8 दिन लगते हैं।

ख़ास बातें
  • नासा (Nasa) ने एक नया पृथ्वी जैसा ग्रह खोजा है
  • यह काफी दूर हमारी आकाशगंगा के बाहरी इलाके में है
  • यह अपने लाल बौने तारे के रहने योग्‍य जोन में स्थित है
विज्ञापन
पृथ्‍वी से बाहर जीवन की मौजूदगी की बात आती है, तो एक्‍सोप्‍लैनेट सबसे बड़े संभावित उम्‍मीदवारों के रूप में नजर आते हैं। ऐसे ग्रह जो सूर्य के अलावा अन्य तारों की परिक्रमा करते हैं, एक्सोप्लैनेट कहलाते हैं। वैज्ञानिकों ने ऐसे कई एक्‍सोप्‍लैनेट को अबतक खोजा है, जो पृथ्‍वी की तरह ही चट्टानी हैं। हालांकि विस्‍तृत शोध में वहां जीवन की संभावनाएं नजर नहीं आईं, क्‍योंकि कई ग्रहों का तापमान बहुत अधिक है। इस बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने एक नया पृथ्वी जैसा ग्रह खोजा है। यह काफी दूर हमारी आकाशगंगा के बाहरी इलाके में है। ‘रॉस 508 बी' (Ross 508 b) नाम के इस नए सुपर अर्थ (Super Earth) ने खगोलविदों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं, क्‍योंकि यह अपने लाल बौने तारे के रहने योग्‍य जोन में स्थित है। पृथ्‍वी जैसे इस ग्रह की खोज में सुबारू टेलीस्कोप (Subaru Telescope) ने भूमिका निभाई। जिस पर इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोग्राफ का इस्‍तेमाल करते हुए ग्रह को खोजा गया। 
‘रॉस 508 बी' को पृथ्‍वी से भी बड़ी संभावित चट्टानी दुनिया माना जा रहा है, लेकिन यह अपने रहने योग्‍य जोन से मूव कर रहा है। इसके बावजूद उम्‍मीदें बरकरार हैं, क्‍योंकि यह ग्रह अपनी सतह पर पानी को बनाए रखता है, जिससे जीवन की संभावना को बल मिलता है। नासा ने बताया है कि ‘रॉस 508 बी' एक सुपर अर्थ एक्सोप्लैनेट है। यह M-टाइप तारे की परिक्रमा करता है, जो पृथ्वी से लगभग 37 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। इस ग्रह का द्रव्यमान 4 पृथ्‍वी के बराबर है और ग्रह को अपने तारे की एक परिक्रमा करने में 10.8 दिन लगते हैं।

सवाल उठता है कि आखिर वैज्ञानिक उन ग्रहों को कैसे ढूंढते हैं, जो रहने लायक हो सकते हैं। इसका जवाब हैं गोल्डीलॉक्स जोन। ये ऐसे जोन होते हैं जिनसे होकर गुजरने वाले ग्रहों में जीवन की संभावना हो सकती है। नासा ने कहा है कि यह ऐसा ग्रह है, जो अपनी सतह पर पानी बनाए रखने में सक्षम हो सकता है और भविष्य में M क्‍लास वाले बौने तारों के आसपास जीवन की संभावना का अध्ययन करने के लिए महत्वपूर्ण होगा। 

हाल में एक अध्ययन से पता चला है कि विभिन्‍न परिस्थितियों में भी कई अरबों वर्षों तक लिक्विड वॉटर, एक्सोप्लैनेट की सतह पर मौजूद रह सकता है। पृथ्वी की तरह जीवन दे सकने वाले एक्सोप्लैनेट की खोज में लिक्विड वॉटर यानी पानी की भूमिका महत्‍वपूर्ण है। बर्न यूनिवर्सिटी, ज्यूरिख यूनिवर्सिटी और नेशनल सेंटर ऑफ कॉम्पीटेंस इन रिसर्च (NCCR) के रिसर्चर्स ने समझाया है कि रहने योग्य एक्सोप्लैनेट की खोज के लिए इस दृष्टिकोण की बेहद जरूरत है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. TCS में वर्कर्स की छंटनी को लेकर बढ़ा विवाद, एंप्लॉयी यूनियन ने लगाया प्रेशर डालने का आरोप
  2. फाइनेंशियल फ्रॉड की चेतावनी देने के लिए ऑनलाइन पेमेंट्स इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म लॉन्च करेगा RBI
  3. OnePlus Nord 6 जल्द हो सकता है लॉन्च, IMEI पर हुई लिस्टिंग
  4. क्या आपके अगले स्मार्टफोन के बॉक्स से गायब हो जाएगी चार्जिंग केबल? इस कंपनी ने शुरू किया ट्रेंड
  5. Samsung Galaxy S26 Ultra में मिल सकता है 6.9 इंच QHD+ AMOLED डिस्प्ले
  6. अब ‘चश्मा’ बनेगा वॉलेट! स्मार्ट ग्लास से होगा UPI पेमेंट, फोन की जरूरत नहीं
  7. Realme 15 Pro 5G Game of Thrones लिमिटेड एडिशन भारत में हुआ लॉन्च, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  8. JBL Tour One M3 और Smart Tx वायरलेस हेडफोन्स भारत में लॉन्च: मिलेगा 70 घंटे का प्लेबैक और स्मार्ट टच डिस्प्ले
  9. Amazon Sale: Samsung के स्मार्टफोन्स को भारी डिस्काउंट के साथ खरीदने का मौका
  10. IMC 2025: Jio का JioBharat सेफ्टी फर्स्ट फोन हुआ पेश, जानें खासियतें
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »