अंतरिक्ष को आधुनिक विज्ञान जानने और समझने की पूरी कोशिश कर रहा है। अत्याधुनिक टेलीस्कोप की सहायता से अब अंतरिक्ष वैज्ञानिक सौरमंडल से लाखों प्रकाश वर्ष दूर स्थित खगोलीय पिंडों, नए बनते तारों और अन्य खगोलीय घटनाओं को भी देख पा रहे हैं। हमारा सौरमंडल Milky Way गैलेक्सी में मौजूद है। Milky Way आकाशगंगा के सबसे बाहरी हिस्से में स्थित हमारा प्लेनेटरी सिस्टम आकाशगंगा के सेंटर के चारों ओर लगातार घूम रहा है। यानि कि जैसे सूरज के चारों ओर सौरमंडलीय ग्रह घूमते हैं, वैसे ही आकाशगंगा में सर्यू 8 ग्रहों समेत लगातार परिक्रमा कर रहा है। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार आकाशगंगा में न जाने कितने ही अन्य प्लेनेटरी सिस्टम भी मौजूद हैं जो इसी तरह परिक्रमा कर रहे हैं।
नासा के अनुसार
सौरमंडल में 8 ग्रह हैं। कई ग्रहों के अपने
उपग्रह, या चंद्रमा भी हैं। लेकिन इनके साथ ही
एस्टरॉयड भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। कई बार एस्टरॉयड जैसे चट्टानी टुकड़े धरती की टक्कर में चले आते हैं। पिछले कई महीनों से एस्टरॉयड के लगातार धरती की ओर आने का अलर्ट
नासा द्वारा जारी किया जा रहा है। जुलाई का अंत भी खतरे से खाली नहीं है क्योंकि इन दिनों में कई सारे एस्टरॉड धरती की ओर रुख किए हुए हैं जो अगले कुछ घंटों में इसके करीब पहुंचने वाले हैं। एक ऐसा ही एस्टरॉयड है 2021 BD3 नाम का।
Asteroid 2021 BD3 एक 80 फीट का चट्टानी टुकड़ा है जो धरती की ओर बढ़ा चला आ रहा है। इसकी स्पीड डराने वाली है। यह एस्टरॉयड धरती की ओर 32,400 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। यह 30 जुलाई को पृथ्वी के करीब आने वाला है। यानि कि 48 घंटों के भीतर यह धरती के करीब पहुंच चुका होगा। जब पृथ्वी के सबसे करीबी बिंदु पर होगा तो इसकी दूरी 53 लाख किलोमीटर के लगभग रह जाएगी। हवाई जहाज जितना बड़ा ये एस्टरॉयड इस बार धरती के पास आकर फिर कभी नहीं आएगा, ऐसा नहीं है। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि यह 2043 में फिर से घूमता हुआ धरती की ओर आएगा। लेकिन अभी यह नहीं कहा जा सकता है, उस समय इसका धरती पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
इससे पहले
नासा ने एस्टरॉयड 2020 PP1 (Asteroid 2020 PP1) के बारे में भी अलर्ट जारी किया है। यह 24 घंटों में धरती के करीब पहुंचने वाला है। यह पांचवी बार धरती को निशाना बनाने आ रहा है। Asteroid 2020 PP1 का साइज 52 फीट है। धरती के करीब पहुंचने पर इसकी न्यूनतम दूरी 6,530,000 किलोमीटर अनुमानित है। यह 14,400 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से धरती की ओर दौड़ा चला आ रहा है। इसके आकार की तुलना एक बड़े मकान से की गई है। इतना बड़ा एस्टरॉयड धरती पर गिरकर जान-माल का भारी नुकसान कर सकता है। इसलिए नासा इन पर लगातार नजर रखती है।