इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) जिसे अंतरिक्ष यात्रियों का दूसरा घर भी कहा जाता है, पृथ्वी से कई किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में अपने मिशनों को अंजाम दे रहा है। ISS पर रहने के दौरान अंतरिक्ष यात्री समय-समय पर स्पेसवॉक करते हैं। स्पेसवॉक करना कोई मामूली बात नहीं। इसमें कई बार चुनौतियां भी आती हैं। इसी साल अगस्त में एक स्पेसवॉक के दौरान रूसी अंतरिक्ष यात्री के स्पेससूट में प्रॉब्लम आ गई थी। समय रहते इसका पता चल गया, वरना उनकी जान पर बन आती। अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने एक वीडियो रिलीज किया है। इसमें दो अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेसवॉक करते हुए देखा जा सकता है। इनकी स्पेसवॉक का क्या मकसद था, आइए जानते हैं।
नासा ने बताया है कि अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री जोश कसाडा (Josh Cassada) और फ्रैंक रुबियो (Frank Rubio) को स्पेसवॉक के दौरान सोलर एैरे, जोकि सौर पैनलों का कलेक्शन होता है, उसे इंस्टॉल करने का काम सौंपा गया था। एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) के ड्रैगन कार्गो क्राफ्ट ने इस सोलर एैरे को वहां पहुंचाया था।
सोलर एैरे (सारणी) को इंस्टॉल करने में अंतरिक्ष यात्रियों को 7 घंटे का समय लगा। बताया गया है कि नई सारणियों के कारण इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की बिजली क्षमता 30 फीसदी तक बढ़ जाएगी। यह एक ऑर्बिटल डेटाइम के दौरान 1 लाख 20 हजार वॉट की ऊर्जा पैदा करेगा। वीडियो में नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में चहलकदमी करते हुए देखा जा सकता है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के रखरखाव के लिए अंजाम दी गई यह 256वीं स्पेसवॉक थी। वहीं, जोश कसाडा और फ्रैंक रुबियो की यह दूसरी स्पेसवॉक थी। वीडियो देखकर पता चलता है कि यह दोनों के लिए यह स्पेसवॉक कितनी चुनौतीपूर्ण रही होगी, लेकिन दोनों ने ही उसे बेहतर सामंजस्य के साथ पूरा कर लिया।
हालांकि हर बार ऐसा नहीं होता। इसी साल अगस्त में ओलेग आर्टेमयेव नाम के रूसी अंतरिक्ष यात्री जब इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर स्पेसवॉक कर रहे थे, तभी उनके स्पेससूट में प्रॉब्लम आ गई। आनन-फानन में उन्हें वापस आने को कहा गया। ऐसा नहीं होता, तो ओलेग आर्टेमयेव की जान भी जा सकती थी।