GSLV-Mk III रॉकेट अंतरिक्ष के लिए रवाना, साथ में है GSAT-19 संचार उपग्रह

भारत ने सोमवार को अपने सबसे वजनी जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट को श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए छोड़ा। जीएसएलवी मार्क-3 अपने साथ 3,136 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह लेकर गया है, जिसे वह कक्षा में स्थापित करेगा।

GSLV-Mk III रॉकेट अंतरिक्ष के लिए रवाना, साथ में है GSAT-19 संचार उपग्रह
ख़ास बातें
  • जीएसएलवी मार्क-3 अपने साथ 3,136 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह लेकर गया है
  • 43.43 मीटर लंबा और 640 टन वजनी है यह रॉकेट
  • जीसैट-19 एक मल्टी-बीम उपग्रह है, का एवं कू बैंड संचार ट्रांसपोंडर लगे हैं
विज्ञापन
भारत ने सोमवार को अपने सबसे वजनी जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट को श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए छोड़ा। जीएसएलवी मार्क-3 अपने साथ 3,136 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह लेकर गया है, जिसे वह कक्षा में स्थापित करेगा। जीएसएलवी श्रृंखला के इस सबसे वजनी रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 ने सोमवार को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से अपराह्न 5.28 बजे पहली बार उड़ान भरी।

43.43 मीटर लंबा और 640 टन वजनी यह रॉकेट 16 मिनट में अपनी यात्रा पूरी कर लेगा और पृथ्वी की सतह से 179 किलोमीटर की ऊंचाई पर जीसैट-19 को उसकी कक्षा में स्थापित कर देगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, जीसैट-19 एक मल्टी-बीम उपग्रह है, जिसमें का एवं कू बैंड संचार ट्रांसपोंडर लगे हैं। इसके अलावा इसमें भूस्थैतिक विकिरण स्पेक्ट्रोमीटर (जीआरएएसपी) लगा है, जो आवेशित कणों की प्रकृति का अध्ययन एवं निगरानी करेगी और अंतरिक्ष विकिरण के उपग्रहों और उसमें लगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन भी करेगा।

इस उपग्रह की कार्य अवधि 10 वर्ष है। इसमें अत्याधुनिक अंतरिक्षयान प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल किया गया है और यह स्वदेश निर्मित लीथियम ऑयन बैटरी से संचालित होगा।

वहीं जीएसएलवी मार्क-3 त्रिस्तरीय इंजन वाला रॉकेट है। पहले स्तर का इंजन ठोस ईंधन पर काम करता है, जबकि इसमें लगे दो मोटर तरल ईंधन से चलते हैं। रॉकेट का दूसरे स्तर का इंजन तरल ईंधन से संचालित होता है, जबकि तीसरे स्तर पर लगा इंजन क्रायोजेनिक इंजन है।

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक के. सिवन ने आईएएनएस से कहा, "रॉकेट की भारवहन क्षमता चार टन तक है। इस रॉकेट की भविष्य की उड़ानों में भारवहन क्षमता को और बढ़ाया जाएगा।"

इसरो 2014 में क्रायोजेनिक इंजन से रहित इसी तरह का रॉकेट प्रक्षेपित कर चुका है, जिसका उद्देश्य रॉकेट की संरचनागत स्थिरता और उड़ान के दौरान गतिकी का अध्ययन करना था।

इसरो के अधिकारियों ने को बताया कि रॉकेट के व्यास में विभिन्न स्तरों पर वृद्धि की गई है, जिसके चलते इसकी ऊंचाई कम की जा सकी, जबकि इसका भार काफी अधिक है।

इसरो के एक अधिकारी ने कहा, "नया रॉकेट थोड़ा छोटा है, लेकिन इसकी क्षमता कहीं अधिक है।"
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स शो की लेटेस्ट खबरें hindi.gadgets 360 पर और हमारे CES 2026 पेज पर देखें

ये भी पढ़े: , ISRO, GSLV MK III, Science, India, GSAT 19, ISRO Launch
गैजेट्स 360 स्टाफ

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ईमेल करते हैं, तो कोई इंसान जवाब ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Redmi Turbo 5 Pro जल्द हो सकता है लॉन्च, 3C साइट पर हुई लिस्टिंग
  2. ट्रेन में गलती से छूटा iPad, फिर इस ऐप की मदद से मिला, यात्री ने X पर सुनाई पूरी कहानी
  3. Google कुछ ऐसे सेलिब्रेट कर रहा नए साल की शाम, तैयार हुआ खास डूडल
  4. Year Ender 2025: Reels की लिमिट बढ़ाने, रिपोस्ट से लेकर Instagram ने इस साल पेश किए धांसू फीचर्स
  5. LG Gallery TV होगा CES 2026 में पेश, आर्ट गैलेरी से लेकर सिनेमा जैसे देगा अनुभव
  6. स्टाइलस, AI फीचर्स और आंखों की केयर करने वाला डिस्प्ले! TCL ने लॉन्च किया Note A1 Nxtpaper टैबलेट
  7. ये हैं भारत के बेस्ट 2000 रुपये में आने वाले गेमिंग TWS ईयरबड्स, OnePlus से लेकर Noise और CrossBeats हैं शामिल
  8. Jio का अनलिमिटेड इंटरनेट वाला गजब प्लान, Netflix, Amazon और Hotstar बिलकुल फ्री
  9. क्या AI छीन लेगा 2026 में आपकी नौकरी! इन 40 पदों पर खतरा, जानें क्या आप भी हैं शामिल?
  10. IIT फेस्ट में Dhurandhar फिल्म के पॉपुलर गाने पर नाचा रोबोट, वीडियो हुआ वायरल
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »