• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • शुक्र ग्रह से निकली टॉर्च लाइट! ग्रीन फ्लैश कैमरा में कैद, फोटो हो रही वायरल

शुक्र ग्रह से निकली टॉर्च लाइट! ग्रीन फ्लैश कैमरा में कैद, फोटो हो रही वायरल

ऐसा पहली बार नहीं है जब ग्रीन फ्लैश शुक्र पर देखा गया हो।

शुक्र ग्रह से निकली टॉर्च लाइट! ग्रीन फ्लैश कैमरा में कैद, फोटो हो रही वायरल

Photo Credit: Live Science

यह फ्लैश लगभग एक सेकंड तक जला, इमेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

ख़ास बातें
  • इस घटना को ग्रीन फ्लैश कहते हैं।
  • यह अक्सर सुमद्रों के ऊपर भी देखी जाती है।
  • ऐसा पहली बार नहीं है जब ग्रीन फ्लैश शुक्र पर देखा गया हो।
विज्ञापन
शुक्र ग्रह पर टॉर्च जैसी रोशनी देखी गई! सौरमंडल के सबसे चमकीले ग्रह से हरे रंग की रोशनी निकलती देखी गई है। एक फोटोग्राफर ने इसे कैप्चर किया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट करते ही यह फोटो वायरल हो गया। फोटोग्राफर ने बताया कि उसने यह घटना 8 जनवरी को कैमरा में कैद की थी। वैज्ञानिकों ने इसके रहस्य को सुलझाते हुए बताया है कि आखिर यह रोशनी कहां से आई थी! आइए जानते हैं इस अनोखी अंतरिक्षीय घटना के बारे में। 

स्वीडन में एक फोटोग्राफर ने अंतरिक्ष की एक अद्भुत घटना को कैप्चर किया है। पीटर रोजन नामक शख्स ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है जो खगोल घटनाओं में रुचि रखने वालों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। पीटर का कहना है कि यह टॉर्च जैसा फ्लैश शुक्र यानी Venus ग्रह से निकल रहा है। फोटोग्राफर के अनुसार, उसने 8 जनवरी, सोमवार को यह फोटो लिया था। देखें शुक्र ग्रह से निकलती यह हरी रोशनी- 

घटना के बारे में spaceweather.com का कहना है कि स्वीडन की राजधानी Stockholm में ठंडे वातावरण और हवा के तापमान में असामान्य रूप से तेज गिरावट ने एक प्रिज्म की तरह काम किया। जिससे शुक्र ग्रह से निकलती रोशनी को हरे रंग में बदल दिया। इस घटना को ग्रीन फ्लैश कहते हैं। यह अक्सर सुमद्रों के ऊपर भी देखी जाती है। जब सूरज क्षितिज के पास होता है, और वातावरण एकदम साफ और शांत होता है, तो ऐसी घटना देखने को मिलती है। 

ऐसा पहली बार नहीं है जब ग्रीन फ्लैश शुक्र पर देखा गया हो। हां लेकिन, मिस्टर रोजन का वीडियो इसमें सबसे ज्यादा खास और रोमांचित करने वाला है। यह फ्लैश लगभग एक सेकंड तक जला, इमेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। फिजिक्स की भाषा में समझें तो रिफरेक्शन उस घटना को कहते हैं जब एक वेव एक मीडियम से दूसरे मीडियम में होकर गुजरती है। यहां लाइट की बेंडिंग होती है जिससे इसकी स्पीड भी बदलती है। तो, जब सूरज की रोशनी धरती के वायुमंडल में प्रवेश करती है, तो वेवलेंथ गैस मॉलिक्यूल्स के कारण आंशिक रूप से रिफरेक्ट हो जाती है। इसका उदाहरण यह भी है कि दिन में आसमान नीला नजर आता है क्योंकि ब्लू वेवलेंथ किसी अन्य वेवलेंथ की अपेक्षा कहीं ज्यादा फैलती है। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: green flash, Venus
हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Kinetic ने शुरू की DX इलेक्ट्रिक स्कूटर की डिलीवरी, जानें प्राइसेज, रेंज
  2. Redmi Turbo 5 में हो सकता है Snapdragon 8 Gen 5 चिपसेट, 8,000mAh की बैटरी
  3. Samsung अगले महीने लॉन्च कर सकती है ट्रिपल फोल्ड स्मार्टफोन, 3,000 डॉलर तक हो सकता है प्राइस
  4. OnePlus 15 Launched in India: भारत में आया 7300mAh बैटरी और धांसू गेमिंग फीचर्स वाला वनप्लस फ्लैगशिप, जानें कीमत
  5. Poco F8 Ultra में हो सकती है 6,500mAh की बैटरी, Geekbench पर हुई लिस्टिंग
  6. 50 घंटे चलने वाले ईयरबड्स URBAN ने किए लॉन्च, जानें कीमत
  7. ControlZ पर 70% डिस्काउंट पर Motorola स्मार्टफोन! इस तारीख से शुरू होगी बंपर सेल
  8. Oppo Reno 15 Pro में मिल सकता है 6.57 इंच डिस्प्ले, TDRA पर हुई लिस्टिंग
  9. Wobble Phone Launch: देसी कंपनी ला रही धांसू फीचर्स वाला 'मेड इन इंडिया' फोन! 19 नवंबर को है लॉन्च
  10. Google Doodle: गूगल का डूडल बन गया क्लासरूम! आज बता रहा जिंदगी का ब्लूप्रिंट, जानें कैसे
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »