इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और कामयाब कदम बढ़ा दिया है। अनुसंधान संगठन ने अपने महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट सफलतापूर्वक लॉन्च कर दी है। इसरो ने पहले टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन-1 (टीवी-डी1) को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से शनिवार को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इसरो का पूरा फोकस इस वक्त गगनयान मिशन पर है जिसके तहत तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने का लक्ष्य स्पेस एजेंसी ने बनाया हुआ है। आइए जानते हैं इसमें अब तक कहां तक सफलता मिली है।
2025 तक
इसरो स्पेस में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने का लक्ष्य लेकर चल रही है और गगनयान इसी मिशन का नाम है। भारत का यह पहला मानव अंतरिक्ष मिशन होगा। मिशन में पहली सफलता इसरो ने
हासिल कर ली है जिसमें इसने टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन-1 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इसमें क्रू एस्केप मॉड्यूल का इस्तेमाल किया गया। यह लॉन्च के बाद अंतरिक्ष तक गया और फिर वापस बंगाल की खाड़ी में उतर गया। यह एजेंसी की बड़ी सफलता है। इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने मिशन की पहली सफलता पर खुशी जाहिर की।
यह पहली उड़ान थी जिसे TV-D1 नाम दिया गया है। इसके बाद एजेंसी ऐसे ही तीन और टेस्ट करने वाली है जो कि TV-D2, TV-D3, और TV-D4 होंगे। यानी कि अभी तीन और टेस्ट होने हैं जिनके माध्यम से इसरो ये सुनिश्चित करेगी कि जब मानव सहित ये उड़ान अंतरिक्ष में जाएगी तो किसी तरह की कोई गड़बड़ी की गुंजाईश ही न बचे।
आपको बता दें कि
गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) के तहत ISRO का लक्ष्य स्पेस में तीन व्यक्तियों को भेजने का रहेगा। हालांकि मिशन को 2021 के लिए प्लान किया गया था लेकिन उस वक्त चल रही कोरोना महामारी (COVID-19) के कारण इसमें देरी हो गई। मिशन के तहत इसरो तीन फ्लाइट स्पेस में भेजेगी। इनमें से दो फ्लाइट्स मानव रहित होंगी जबकि एक फ्लाइट मानव सहित होगी। प्लान में पृथ्वी के निचले ऑर्बिट में तीन दिनों तक 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर मनुष्य को रखना है। सबकुछ ठीक रहा तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।
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