ब्लैक होल (Black Hole) ऐसा विषय है, जिसने हमेशा से ही वैज्ञानिकों की जिज्ञासा को जगाया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) भी ब्लैक होल और उसके रहस्य को सुलझाने में जुटी है। बीते शुक्रवार नासा ने एक वीडियो शेयर किया। इसमें सोनिफिकेशन (sonification) तकनीक की मदद से ब्लैक होल के चारों ओर लाइट इको (light echoes) को साउंड वेव्स (sound waves) में बदलकर पेश किया गया है। नासा का मकसद यह समझाना है कि ब्लैक होल के आसपास विद्युत चुंबकीय तरंगें (electromagnetic waves) कैसे व्यवहार करती हैं।
नासा ने इस वीडियो को सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया है। एजेंसी ने कैप्शन में लिखा, ‘यह नया सोनिफिकेशन, ब्लैक होल के ‘लाइट इको' को साउंड में बदल देता है। कैप्शन में यह भी बताया गया है कि ब्लैक होल किसी भी तरह के प्रकाश को उससे गुजरने नहीं देता। यानी जो भी चीज ब्लैक होल में जाती है, वह अदृश्य हो जाती है। हालांकि इस दौरान ब्लैक होल के आसपास मौजूद मटीरियल से तेज चुंबकीय विकिरण पैदा हो सकता है।
करीब 1.30 मिनट का रेडियो सोनिफिकेशन का शानदार उदाहरण पेश करता है। वीडियो में आप देख सकते हैं कि कर्सर एक सर्कल में बाहर की ओर बढ़ता है, जैसे ही वह लाइट इको से गुजरता है, तभी एक साउंड सुनाई देता है। वीडियो में जिस ब्लैक होल को दिखाया गया है, वह सिस्टम पृथ्वी से लगभग 7,800 प्रकाश-वर्ष दूर है। इस ब्लैक होल का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से पांच से दस गुना तक है। यह ब्लैक होल अपने नजदीकी तारे से मैटर को अवशोषित करता है।
नासा ने उन दूरबीनों का भी खुलासा किया जिनका इस्तेमाल विद्युत चुंबकीय तरंगों की प्रतिध्वनि के बारे में डेटा जुटाने के लिए किया जाता है। नासा ने बताया कि सोनिफिकेशन के जरिए चंद्रा एक्स-रे और स्विफ्ट दूरबीनों के डेटा को साउंड में बदला गया है।
हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक लैब में भी
ब्लैक होल तैयार किया है। करीब एक दशक पुराने स्टीफन हॉकिंग सिद्धांत (Stephen Hawking theory) को टेस्ट करने के लिए रिसर्चर्स ने लैब में ब्लैक होल की स्थितियों को डेवलप किया। स्टडी से जुड़ी वैज्ञानिकों की टीम का कहना है कि इससे उन मैटर्स की खोज का रास्ता खुल सकता है, जो ब्लैक होल में जाने के बाद ‘लापता' हो जाते हैं। नई स्टडी भविष्य के लिए मददगार हो सकती है। ध्यान देने वाली बात है कि वैज्ञानिकों ने हाल ही में पृथ्वी से सिर्फ 1,560 प्रकाश वर्ष दूर एक ब्लैक होल की खोज की है, जो पृथ्वी सबसे नजदीक मिला ब्लैक होल है।