सूरज से 1 लाख गुना बड़े Black Hole ने तारे को टुकड़े-टुकड़े कर निगल लिया!

हर बार जब तारा टुकड़े में टूट रहा था तो तीन पृथ्वी के बराबर इसका हिस्सा तोड़ा जा रहा था।

सूरज से 1 लाख गुना बड़े Black Hole ने तारे को टुकड़े-टुकड़े कर निगल लिया!

Photo Credit: NASA (प्रतीकात्मक फोटो)

तारे को बार बार हिस्से कर खाया गया! यह ब्लैक होल 50 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर स्थित बताया जा रहा है।

ख़ास बातें
  • इस तारे का नाम Swift J0230 था।
  • तारे ने मरने से पहले 7 से 10 दिन तक बहुत तेज रोशनी फेंकी।
  • हर 25 दिन में यह ऐसा कर रहा था।
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अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने एक हैरान कर देने वाली घटना का पता लगाया है। खगोल वैज्ञानिकों ने सूरज जैसे तारे को मरते देखा है जिसे ब्लैक होल ने बार बार टुकड़े कर समाप्त कर दिया। यानि कि तारे को बार बार हिस्से कर खाया गया! यह ब्लैक होल 50 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर स्थित बताया जा रहा है। इस घटना के दौरान हर 25 दिनों के अंतराल में विस्फोट जैसी रोशनी देखी गई। इसी के कारण शोधकर्ताओं का ध्यान इसकी ओर गया। 

ब्लैक होल अंतरिक्ष की दुनिया में एक रहस्य है। इसके अंदर क्या है, ये कोई नहीं जानता। कहा जाता है कि ब्लैक होल में से कोई भी वस्तु या खगोलीय पिंड पार नहीं जा सकता। अब एक ब्लैक होल ने सूरज जैसे तारे को निगल लिया। हैरानी की बात ये है कि इस तारे को टुकड़े टुकड़े कर निगला गया है। द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, University of Leicester के शोधकर्ताओं का ध्यान एक रोशनी पर गया जो हर 25 दिनों में बहुत तेज चमक रही थी। कहा जाता है कि जब कोई ब्लैक होल तारे को निगलता है तो उसके बाहर रोशनी फूटती है जिसे टाइडल डिसरप्शन कहा जाता है। लेकिन इस घटना में ब्लैक होल के बाहर बार बार रोशनी चमकती देखी गई। जिससे पता चला कि ब्लैक उस तारे को टुकड़े टुकड़े कर निगल रहा है! 

इस तारे का नाम Swift J0230 था। वैज्ञानिकों ने अपने शोध में बताया है कि तारे का बर्ताव बहुत अलग था। आमतौर पर तारे धीरे धीरे रोशनी कम करते हुए खत्म हो जाते हैं। लेकिन इस तारे ने मरने से पहले 7 से 10 दिन तक बहुत तेज रोशनी फेंकी। हर 25 दिन में यह ऐसा कर रहा था और फिर आखिर में विस्फोटक रोशनी देकर यह खत्म हो गया। शोध को Nature Astronomy में प्रकाशित किया गया है। अभी तक ब्लैक होल के तारे को निगलने को लेकर जो भी समझ वैज्ञानिकों के पास थी, यह उससे बहुत ही अलग घटना थी। जिसने अब तक की जानकारी में बड़ा अंतर पैदा कर दिया है। 

University of Leicester में डॉक्टर रॉबर्ट आईलेस फेरिस ने रिपोर्ट में बताया कि Swift J0230 अलग तरह का बर्ताव कर रहा था। यह तारा टुकड़ों में फूटा है। यह एकदम से खत्म नहीं हुआ, जैसा कि आमतौर पर तारों के मरने के समय देखा जाता है। कहा गया है कि हर बार जब तारा टुकड़े में टूट रहा था तो तीन पृथ्वी के बराबर इसका हिस्सा तोड़ा जा रहा था। इससे बहुत ज्यादा मात्रा में ऊर्जा, या गर्मी निकली जो कि 20 लाख डिग्री सेल्सियस के बराबर रही होगी। साथ ही इससे बड़ी भारी मात्रा में एक्स रे भी निकलीं। जिस ब्लैक होल ने इसे निगला है उसका आकार हमारे सूरज के आकार का 1 लाख गुना तक बताया गया है।
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हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

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